Sri Vighnarajam Bhaje
पल्लवि
श्री विज्ञ राजं भजे – भजेहम् भजेहम्
भजेहम् भजे – तमिह
अनुपल्लवि
सन्ततमहम् कुन्जरमुहम्
शन्करसुतम् – तमिह
सन्ततमहम् दन्ति सुन्दर मुखम्
अन्तकान्तक सुतम् – सिव
शन्करि सुतम् – तमिह
चरणम् 1
सेवित सुरेन्द्र महनीय गुणशीलम्
जपत समादि सुख वरद – अनुकूलम्
भावित सुरमणि गन भक्त परिपालम्
भयन्कर विशन्ग मातन्ग कुलकालम्
चरणम् 2
कनक केयूर हारावलि कलित
गम्भीर गौरगिरि शोभम् सुशोभम्
कामादि भय भरित मूड मद
कलिकलुश कन्तित मखन्ड प्रतापम् – प्रतापम्
सनक सुख नारद पदन्जलि पराच्हर
मतन्ग मुनिसन्ग सल्लापम् – सल्लापम्
सत्य पर मब्ज नयनप्रमुद मुक्तिकर
तत्वमसि नित्य निगमादि स्वरूपम्
![Sri Vighnarajam Bhaje](https://www.divinesoul.in/wp-content/uploads/2024/06/ai-generated-8243392_640.jpg)
Leave a Reply