Kokila Vrat कोकिला व्रत आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किया जाता है पर इसका आरंभ एक दिन पहले से ही आरंभ कर दिया जाता है। कोकिला व्रत का विशेष महत्व दांपत्यु सुख एवं अविवाहितों के लिए जल्द विवाह करने मे वरदान है। आषाढ़ के अधिक मास होने पर यह व्रत प्रथम आषाढ़ की पूर्णिमा से दूसरे आषाढ़ की…
Panchak 2024 ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है। मासिक पंचक अनुसूची 2024पंचक आरम्भ…
Harela सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है तथा संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है। त्यौहार को हरेला…
Karka Sankranti हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले…
Ashtami Vrat हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है, कहा जाता है कि मां दुर्गा के सभी रूपों की व्यवस्थित…
Bhadariya Navami हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने के लिए मांगलिक एवं शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए गहरी योग निंद्रा मे चले जाते हैं। तत्पश्चात भगवान विष्णु सीधा देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्ति के साथ योग निंद्रा से जाग्रत…
Bipadtarini Puja विपदतारिणी पूजा देवी शक्ति को समर्पित एक शुभ उपासना है जो देवी काली की भी अभिव्यक्ति करता है। विपद तारिणी पूजा, रथ यात्रा के बाद और बहुदा रथ के यात्रा से पहले हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की मंगलबार और शनिबार के दिन मनाया जाता है। यह पूजा मुख्यतः बंगाल, ओडिशा, असम…
Shri Ramatandavastotram ॥ इन्द्रादयो ऊचुः ॥जटाकटाहयुक्तमुण्डप्रान्तविस्तृतं हरेःअपाङ्गक्रुद्धदर्शनोपहार चूर्णकुन्तलः।प्रचण्डवेगकारणेन पिञ्जलः प्रतिग्रहःस क्रुद्धताण्डवस्वरूपधृग्विराजते हरिः॥1॥ अथेह व्यूहपार्ष्णिप्राग्वरूथिनी निषङ्गिनःतथाञ्जनेयऋक्षभूपसौरबालिनन्दनाः।प्रचण्डदानवानलं समुद्रतुल्यनाशकाःनमोऽस्तुते सुरारिचक्रभक्षकाय मृत्यवे॥2॥ कलेवरे कषायवासहस्तकार्मुकं हरेःउपासनोपसङ्गमार्थधृग्विशाखमण्डलम्।हृदि स्मरन् दशाकृतेः कुचक्रचौर्यपातकंविदार्यते प्रचण्डताण्डवाकृतिः स राघवः॥3॥ प्रकाण्डकाण्डकाण्डकर्मदेहछिद्रकारणंकुकूटकूटकूटकौणपात्मजाभिमर्दनम्।तथागुणङ्गुणङ्गुणङ्गुणङ्गुणेन दर्शयन्कृपीटकेशलङ्घ्यमीशमेकराघवं भजे॥4॥ सवानरान्वितः तथाप्लुतं शरीरमसृजाविरोधिमेदसाग्रमांसगुल्मकालखण्डनैः।महासिपाशशक्तिदण्डधारकैः निशाचरैःपरिप्लुतं कृतं शवैश्च येन भूमिमण्डलम्॥5॥ विशालदंष्ट्रकुम्भकर्णमेघरावकारकैःतथाहिरावणाद्यकम्पनातिकायजित्वरैः।सुरक्षितां मनोरमां सुवर्णलङ्कनागरींनिजास्त्रसङ्कुलैरभेद्यकोटमर्दनं कृतः॥6॥ प्रबुद्धबुद्धयोगिभिः महर्षिसिद्धचारणैःविदेहजाप्रियः सदानुतो स्तुतो च स्वस्तिभिः।पुलस्त्यनन्दनात्मजस्य मुण्डरुण्डछेदनंसुरारियूथभेदनं विलोकयामि साम्प्रतम्॥7॥ करालकालरूपिणं महोग्रचापधारिणंकुमोहग्रस्तमर्कटाच्छभल्लत्राणकारणम्।विभीषणादिभिः सदाभिषेणनेऽभिचिन्तकंभजामि जित्वरं…
Harivarasanam ॥ श्रीहरिहरात्मजाष्टकम् ॥हरिवरासनं विश्वमोहनम्हरिदधीश्वरमाराध्यपादुकम् ।अरिविमर्दनं नित्यनर्तनम्हरिहरात्मजं देवमाश्रये ॥ १ ॥ शरणं अय्यप्पा स्वामी शरणं अय्यप्पा ।शरणं अय्यप्पा स्वामी शरणं अय्यप्पा । चरणकीर्तनं भक्तमानसम्भरणलोलुपं नर्तनालसम् ।अरुणभासुरं भूतनायकम्हरिहरात्मजं देवमाश्रये ॥ २ ॥ शरणं अय्यप्पा स्वामी शरणं अय्यप्पा ।शरणं अय्यप्पा स्वामी शरणं अय्यप्पा । प्रणयसत्यकं प्राणनायकम्प्रणतकल्पकं सुप्रभाञ्चितम् ।प्रणवमन्दिरं कीर्तनप्रियम्हरिहरात्मजं देवमाश्रये ॥ ३ ॥ शरणं अय्यप्पा स्वामी शरणं…