परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • योगिनी एकादशी – Yogini Ekadashi
    योगिनी एकादशी – Yogini Ekadashi

    Yogini Ekadashi एकादशी के व्रत का सम्वन्ध तीन दिनों की दिनचर्या से है। भक्त उपवास के दिन, से एक दिन पहले दोपहर में भोजन लेने के उपरांत शाम का भोजन नहीं ग्रहण करते हैं, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि अगले दिन पेट में कोई अवशिष्ट भोजन न बचा रहे। भक्त एकादशी के दिन उपवास के…

  • राजा मुचुकुन्द की कथा – Raja Muchkund Ki Katha
    राजा मुचुकुन्द की कथा – Raja Muchkund Ki Katha

    Raja Muchkund Ki Katha त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए, अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना सेनापति बनाया। युद्ध में विजय श्री मिलने के बाद महाराज मुचुकुन्द ने विश्राम की इच्छा प्रकट की। देवताओं ने वरदान दिया कि जो…

  • विद्यां ददाति विनयं (Vidya Dadati Vinayam)
    विद्यां ददाति विनयं (Vidya Dadati Vinayam)

    Vidya Dadati Vinayam विद्यां ददाति विनयं,विनयाद् याति पात्रताम् ।पात्रत्वात् धनमाप्नोति,धनात् धर्मं ततः सुखम् ॥ हिन्दी भावार्थ:विद्या विनय देती है, विनय से पात्रता आती है, पात्रता से धन आता है, धन से धर्म होता है, और धर्म से सुख प्राप्त होता है।

  • पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra)
    पितृ स्तोत्र (Pitru Stotra)

    Pitru Stotra अर्चितानाममूर्तानां पितृणां दीप्ततेजसाम् ।नमस्यामि सदा तेषां ध्यानिनां दिव्यचक्षुषाम् ॥ इन्द्रादीनां च नेतारो दक्षमारीचयोस्तथा ।सप्तर्षीणां तथान्येषां तान् नमस्यामि कामदान् ॥ मन्वादीनां मुनीन्द्राणां सूर्याचन्द्रमसोस्तथा ।तान् नमस्याम्यहं सर्वान् पितृनप्सूदधावपि ॥ नक्षत्राणां ग्रहाणां च वाय्वग्न्योर्नभसस्तथा।द्यावापृथिवोव्योश्च तथा नमस्यामि कृताञ्जलि: ॥ देवर्षीणां जनितृंश्च सर्वलोकनमस्कृतान् ।अक्षय्यस्य सदा दातृन् नमस्येsहं कृताञ्जलि: ॥ प्रजापते: कश्यपाय सोमाय वरुणाय च ।योगेश्वरेभ्यश्च सदा नमस्यामि कृताञ्जलि:…

  • दत्तात्रेय स्तोत्रम् (Dattatreya Strotam)
    दत्तात्रेय स्तोत्रम् (Dattatreya Strotam)

    Dattatreya Strotam ॥ श्री दत्तात्रेय स्तोत्रम् ॥जटाधरं पाण्डुराङ्गं शूलहस्तं कृपानिधिम् ।सर्वरोगहरं देवं दत्तात्रेयमहं भजे ॥ विनियोग –अस्य श्रीदत्तात्रेयस्तोत्रमन्त्रस्य भगवान् नारदऋषिः ।अनुष्टुप् छन्दः । श्रीदत्तपरमात्मा देवता ।श्रीदत्तप्रीत्यर्थे जपे विनियोगः ॥ स्तोत्रम् –जगदुत्पत्तिकर्त्रे च स्थितिसंहार हेतवे ।भवपाशविमुक्ताय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥ १॥ जराजन्मविनाशाय देहशुद्धिकराय च ।दिगम्बरदयामूर्ते दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥ २॥ कर्पूरकान्तिदेहाय ब्रह्ममूर्तिधराय च ।वेदशास्त्रपरिज्ञाय दत्तात्रेय नमोऽस्तुते ॥ ३॥ र्हस्वदीर्घकृशस्थूल-नामगोत्र-विवर्जित ।पञ्चभूतैकदीप्ताय…

  • राग आसावरी बाणी (Raag Asavari Bani)
    राग आसावरी बाणी (Raag Asavari Bani)

    Raag Asavari Bani  रागु आसावरी घरु १६ के २ महला ४ सुधंग ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ हउ अनदिनु हरि नामु कीरतनु करउ ॥  सतिगुरि मो कउ हरि नामु बताइआ हउ हरि बिनु खिनु पलु रहि न सकउ ॥१॥ रहाउ ॥ हमरै स्रवणु सिमरनु हरि कीरतनु हउ हरि बिनु रहि न सकउ हउ इकु खिनु ॥ …

  • ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् (Rin Mochan Mangal Stotram)
    ऋण मोचक मङ्गल स्तोत्रम् (Rin Mochan Mangal Stotram)

    मंगल ग्रह को शक्ति, ऊर्जा, आत्मविश्वास और पराक्रम का स्वामी तथा नवग्रहों का सेनापति माना गया है। इनका प्रमुख रंग लाल तथा राशि मेष मानी गई है। श्री मङ्गलाय नमः ॥मङ्गलो भूमिपुत्रश्च ऋणहर्ता धनप्रदः ।स्थिरासनो महाकयः सर्वकर्मविरोधकः ॥1॥ लोहितो लोहिताक्षश्च सामगानां कृपाकरः ।धरात्मजः कुजो भौमो भूतिदो भूमिनन्दनः॥2॥ अङ्गारको यमश्चैव सर्वरोगापहारकः ।व्रुष्टेः कर्ताऽपहर्ता च सर्वकामफलप्रदः॥3॥ एतानि…

  • श्री राम नाम तारक (Shri Rama Nama Tarakam)
    श्री राम नाम तारक (Shri Rama Nama Tarakam)

    Shri Rama Nama Tarakam राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम्जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम्जानकी मनोहरम सर्वलोक नायकम् शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम्शङ्करादि सेव्यमान पुण्यनाम कीर्तनम् राम राम राम राम नाम तारकम्राम कृष्ण वासुदेव भक्ति मुक्ति दायकम् वीरशूर…

  • नाम रामायणम (Nama Ramayanam)
    नाम रामायणम (Nama Ramayanam)

    Nama Ramayanam गोस्वामी तुलसीदासजी द्वारा रचित श्रीरामचरित मानस, उत्तर भारत में अधिक प्रसिद्ध है। गोस्वामी तुलसीदासजी कृत संपूर्ण रामायण का पाठ करने में कुछ दिन का समय लग सकता है। और कई बार समय की कमी के कारण एक ही बैठक में संपूर्ण रामायण का पाठ करना संभव नहीं हो पाता है। नाम रामायणम संस्कृत में…