परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • आरती जय अम्बे गौरी
    आरती जय अम्बे गौरी

    Jai Ambey Gori Aarti जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी ।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को ।उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ जय.. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ जय… केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी ॥…

  • शिव चालीसा
    शिव चालीसा

    Shiv chalisa दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥मैना मातु की हवे…

  • श्री हनुमान जी की आरती
    श्री हनुमान जी की आरती

    Hanuman Ji ki aarti आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।। लंका जारी…

  • शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा 
    शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा 

    Shiv ji ki aarti जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद…

  • गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)
    गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)

    Ganesh Ji ki aarti जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एकदन्त दयावन्त, चारभुजा धारी।माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥ पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।लड्डुअन को भोग लगे, संकट से निकट जवा॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ अंधे को आँख देत, कोढ़ियों…

  • श्री हनुमान चालीसा (Hanuman chalisa)
    श्री हनुमान चालीसा (Hanuman chalisa)

    Hanuman chalisa श्रीगुरु चरन सरोज रज निज मनु मुकुरु सुधारिबरनऊं रघुबर बिमल जसु जो दायकु फल चार बुद्धिहीन तनु जानिके सुमिरौं पवन कुमारबल बुद्धि बिद्या देहु मोहिं हरहु कलेस बिकार जय हनुमान ज्ञान गुन सागरजय कपीस तिहुं लोक उजागररामदूत अतुलित बल धामाअंजनि पुत्र पवनसुत नामा महाबीर बिक्रम बजरंगीकुमति निवार सुमति के संगीकंचन बरन बिराज सुबेसाकानन…