Author: जय सिया राम

  • भगवान हनुमान के 1000 नाम (Bhagwan Hanuman 1000 names)

    भगवान हनुमान के 1000 नाम (Bhagwan Hanuman 1000 names)

    Bhagwan Hanuman 1000 names श्री हनुमान के 1000 नाम मंत्र सुंदरकांड पाठ, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा और बूढ़े मंगलवार में प्रमुखता से पाठ किया जाता है। ॐ हनुमते नमः।ॐ श्रीप्रदाय नमः।ॐ वायुपुत्राय नमः।ॐ रुद्राय नमः।ॐ हनुमते नमः।ॐ श्रीप्रदाय नमः।ॐ वायुपुत्राय नमः।ॐ रुद्राय नमः।ॐ अनघाय नमः।ॐ अजराय नमः।ॐ अमृत्यवे नमः।ॐ वीरवीराय नमः।ॐ ग्रामवासाय नमः।ॐ…

  • प्रातः स्मरण – दैनिक उपासना (Pratah Smaran Dainik Upasana)

    प्रातः स्मरण – दैनिक उपासना (Pratah Smaran Dainik Upasana)

    Pratah Smaran Dainik Upasana सम्पूर्ण प्रातः स्मरण, जो कि दैनिक उपासना से उदधृत है, आप सभी इसे अपने जीवन में उतारें एवं अपने अनुजो को भी इससे अवगत कराएं। प्रात: कर-दर्शनम्-कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती ।कर मूले तु गोविन्द:, प्रभाते करदर्शनम ॥१॥ पृथ्वी क्षमा प्रार्थना-समुद्रवसने देवि ! पर्वतस्तनमंड्ले ।विष्णुपत्नि! नमस्तुभ्यं पाद्स्पर्श्म क्षमस्वे ॥२॥ त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण-ब्रह्मा…

  • विलक्कु पूजा – Vilakku Pooja

    विलक्कु पूजा – Vilakku Pooja

    Vilakku Pooja विलक्कु पूजा, भाग्य और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रतीक है। एक समय में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की पूजा दीप जलाकर किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और दुनिया में शांति आती है। थिरु विलक्कु पूजा, ज्यादातर शुक्रवार को या तो सुबह…

  • श्री सरस्वती अष्टकम् (Shri Saraswati Ashtakam)

    श्री सरस्वती अष्टकम् (Shri Saraswati Ashtakam)

    Shri Saraswati Ashtakam ॥ शतानीक उवाच ॥महामते महाप्राज्ञसर्वशास्त्रविशारद।अक्षीणकर्मबन्धस्तुपुरुषो द्विजसत्तम॥1॥ मरणे यज्जोपेज्जाप्यंयं च भावमनुस्मरन्।परं पदमवाप्नोतितन्मे ब्रूहि महामुने॥2॥ ॥ शौनक उवाच ॥इदमेव महाराजपृष्टवांस्ते पितामहः।भीष्मं धर्मविदां श्रेष्ठंधर्मपुत्रो युधिष्ठिरः॥3॥ ॥ युधिष्ठिर उवाच ॥पितामह महाप्राज्ञसर्वशास्त्रविशारदः।बृहस्पतिस्तुता देवीवागीशेन महात्मना।आत्मायं दर्शयामासंसूर्य कोटिसमप्रभम्॥4॥ ॥ सरस्वत्युवाच ॥वरं वृणीष्व भद्रंते यत्ते मनसि विद्यते। ॥ बृहस्पतिरूवाच ॥यदि मे वरदा देविदिव्यज्ञानं प्रयच्छ नः॥5॥ ॥ देव्युवाच ॥हन्त ते निर्मलज्ञानंकुमतिध्वंसकारणम्।स्तोत्रणानेन…

  • देवशयनी एकादशी – Devshayani Ekadashi

    देवशयनी एकादशी – Devshayani Ekadashi

    Devshayani Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…

  • गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)

    गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)

    Gau Mata Ke 108 Naam श्री गौ अष्टोत्तर नामावलि – गौ माता के 108 नामॐ कपिला नमः ।ॐ गौतमी नमः ।ॐ सुरभी नमः ।ॐ गौमती नमः ।ॐ नंदनी नमः ।ॐ श्यामा नमः ।ॐ वैष्णवी नमः ।ॐ मंगला नमः ।ॐ सर्वदेव वासिनी नमः ।ॐ महादेवी नमः ॥10 ॐ सिंधु अवतरणी नमः ।ॐ सरस्वती नमः ।ॐ त्रिवेणी नमः…

  • तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)

    तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)

    Tatwamasi तत्त्वमसि (तत् त्वम् असि) भारत के शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित महावाक्यों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ है, वह तुम ही हो। वह दूर नहीं है, बहुत पास है, पास से भी ज्यादा पास है। तेरा होना ही वही है। सृष्टि के जन्म से पूर्व, द्वैत के अस्तित्त्व से रहित, नाम और रूप से…

  • सुदर्शन जयंती – Sudarshana Jayanti

    सुदर्शन जयंती – Sudarshana Jayanti

    Sudarshana Jayanti सुदर्शन चक्र जयंती भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र चक्र ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। सुदर्शन चक्र जयंती शुक्ल पक्ष की आषाढ़ दशमी को मनाई जाती है। इस बर्ष सुदर्शन जयंती 16 जुलाई 2024 की तारीख को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि…

  • कोकिला व्रत – Kokila Vrat

    कोकिला व्रत – Kokila Vrat

    Kokila Vrat कोकिला व्रत आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किया जाता है पर इसका आरंभ एक दिन पहले से ही आरंभ कर दिया जाता है। कोकिला व्रत का विशेष महत्व दांपत्यु सुख एवं अविवाहितों के लिए जल्द विवाह करने मे वरदान है। आषाढ़ के अधिक मास होने पर यह व्रत प्रथम आषाढ़ की पूर्णिमा से दूसरे आषाढ़ की…

  • पंचक 2024 – Panchak 2024

    पंचक 2024 – Panchak 2024

    Panchak 2024 ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है। मासिक पंचक अनुसूची 2024पंचक आरम्भ…

  • हरेला – Harela

    हरेला – Harela

    Harela सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है तथा संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है। त्यौहार को हरेला…

  • कर्क संक्रांति – Karka Sankranti

    कर्क संक्रांति – Karka Sankranti

    Karka Sankranti हिंदू पंचांग के अनुसार, संक्रांति (Sankranti) का अर्थ है सूर्य का एक राशि से दूसरी राशि में जाना। भारत के कुछ हिस्सों में, प्रत्येक संक्रांति को एक महीने की शुरुआत के रूप में चिह्नित किया जाता है। दूसरी ओर, कुछ अन्य हिस्सों में, एक संक्रांति को प्रत्येक महीने के अंत के रूप में और अगले…

  • अष्टमी व्रत – Ashtami Vrat

    अष्टमी व्रत – Ashtami Vrat

    Ashtami Vrat हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है, कहा जाता है कि मां दुर्गा के सभी रूपों की व्यवस्थित…

  • भड़रिया नवमी – Bhadariya Navami

    भड़रिया नवमी – Bhadariya Navami

    Bhadariya Navami हिंदू मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी के बाद चार महीने के लिए मांगलिक एवं शुभ कार्य नहीं किए जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार देवशयनी एकादशी से भगवान विष्णु चातुर्मास के लिए गहरी योग निंद्रा मे चले जाते हैं। तत्पश्चात भगवान विष्णु सीधा देवउठनी एकादशी पर चातुर्मास समाप्ति के साथ योग निंद्रा से जाग्रत…

  • विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

    विपदतारिणी पूजा – Bipadtarini Puja

    Bipadtarini Puja विपदतारिणी पूजा देवी शक्ति को समर्पित एक शुभ उपासना है जो देवी काली की भी अभिव्यक्ति करता है। विपद तारिणी पूजा, रथ यात्रा के बाद और बहुदा रथ के यात्रा से पहले हिन्दू पंचांग के अनुसार आषाढ़ माह की शुक्ल पक्ष की मंगलबार और शनिबार के दिन मनाया जाता है। यह पूजा मुख्यतः बंगाल, ओडिशा, असम…