Author: जय सिया राम
-
ओअंकारु महला 1(Onkar Dakhni)
रामकली महला १ दखणी ओअंकारु ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ ओअंकारि ब्रहमा उतपति ॥ ओअंकारु कीआ जिनि चिति ॥ ओअंकारि सैल जुग भए ॥ ओअंकारि बेद निरमए ॥ ओअंकारि सबदि उधरे ॥ ओअंकारि गुरमुखि तरे ॥ ओनम अखर सुणहु बीचारु ॥ ओनम अखरु त्रिभवण सारु ॥१॥ सुणि पाडे किआ लिखहु जंजाला ॥ लिखु राम नाम गुरमुखि…
-
कामदा एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha)
Kamada Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे: हे भगवन्! मैं आपको कोटि-कोटि नमन करता हूँ। आपने चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात पापमोचनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके चैत्र शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं महात्म्य क्या है? भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे धर्मराज! चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की…
-
सोम प्रदोष व्रत कथा (Som Pradosh Vrat Katha)
Som Pradosh Vrat Katha एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई आश्रयदाता नहीं था, इसलिए प्रातः होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। भिक्षाटन से ही वह स्वयं व पुत्र का पेट पालती थी। एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही…
-
श्री तुलसी नामाष्टक स्तोत्रम् (Shri Tulsi Namashtakam Strotam)
Shri Tulsi Namashtakam Strotam वृंदा, वृन्दावनी, विश्वपुजिता, विश्वपावनी ।पुष्पसारा, नंदिनी च तुलसी, कृष्णजीवनी ॥ एत नाम अष्टकं चैव स्त्रोत्र नामार्थ संयुतम ।य:पठेत तां सम्पूज्य सोभवमेघ फलं लभेत ॥ वृन्दायै नमः ।वृन्दावन्यै नमः ।विश्वपूजितायै नमः ।विश्वपावन्यै नमः ।पुष्पसारायै नमः ।नन्दिन्यै नमः ।तुलस्यै नमः ।कृष्णजीवन्यै नमः ॥8
-
शम्भु स्तुति – नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणं (Shambhu Stuti)
Shambhu Stuti नमामि शम्भुं पुरुषं पुराणंनमामि सर्वज्ञमपारभावम् ।नमामि रुद्रं प्रभुमक्षयं तंनमामि शर्वं शिरसा नमामि ॥१॥ नमामि देवं परमव्ययंतंउमापतिं लोकगुरुं नमामि ।नमामि दारिद्रविदारणं तंनमामि रोगापहरं नमामि ॥२॥ नमामि कल्याणमचिन्त्यरूपंनमामि विश्वोद्ध्वबीजरूपम् ।नमामि विश्वस्थितिकारणं तंनमामि संहारकरं नमामि ॥३॥ नमामि गौरीप्रियमव्ययं तंनमामि नित्यंक्षरमक्षरं तम् ।नमामि चिद्रूपममेयभावंत्रिलोचनं तं शिरसा नमामि ॥४॥ नमामि कारुण्यकरं भवस्याभयंकरं वापि सदा नमामि ।नमामि दातारमभीप्सितानांनमामि सोमेशमुमेशमादौ…
-
Shabad Hazare (शब्द हज़ारे)
Shabad Hazare माझ महला ५ चउपदे घरु १ ॥ मेरा मनु लोचै गुर दरसन ताई ॥ बिलप करे चात्रिक की निआई ॥ त्रिखा न उतरै सांति न आवै बिनु दरसन संत पिआरे जीउ ॥१॥ हउ घोली जीउ घोलि घुमाई गुर दरसन संत पिआरे जीउ ॥१॥ रहाउ ॥ तेरा मुखु सुहावा जीउ सहज धुनि बाणी ॥ …
-
-
मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)
Mohini Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा: हे भगवन्! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। आपने वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात वरुथिनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके वैशाख शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी कथा क्या है? इस व्रत की क्या विधि है, यह सब विस्तारपूर्वक…
-
गंगा दशहरा कथा (Ganga Dussehra Katha)
Ganga Dussehra Katha भगवान् श्रीरामका जन्म अयोध्याके सूर्यवंशमें हुआ था। चक्रवर्ती महाराज सगर उनके पूर्वज थे। उनकी केशिनी और सुमति नामकी दो रानियाँ थीं। केशिनीके पुत्रका नाम असमञ्जस था और सुमतिके साठ हजार पुत्र थे। असमञ्जसके पुत्रका नाम अंशुमान् था। राजा सगरके असमञ्जससहित सभी पुत्र अत्यन्त उद्दण्ड और दुष्ट प्रकृतिके थे, परंतु पौत्र अंशुमान् धार्मिक और देव-गुरुपूजक था। पुत्रोंसे दुःखी होकर महाराज सगरने…
-
नाम त्रय अस्त्र मन्त्र (Nama Traya Astra Mantra)
Nama Traya Astra Mantra अच्युताय गोविन्दाय अनंताय । ॐ अच्युताय नमः ॥ॐ गोविन्दाय नमः ॥ॐ अनंताय नमः ॥ Nama Traya Astra Mantra (नाम त्रय अस्त्र मन्त्र) Achyuta Ananta Govinda । Om Achyutaya Namaha ॥Om Anantaya Namaha ॥Om Govindaya Namaha ॥
-
गुरु पादुका स्तोत्रम् (Guru Paduka Stotram)
Guru Paduka Stotram ॥ श्री गुरु पादुका स्तोत्रम् ॥अनंत-संसार समुद्र-तार नौकायिताभ्यां गुरुभक्तिदाभ्याम् ।वैराग्य साम्राज्यद पूजनाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥1॥ कवित्व वाराशिनिशाकराभ्यां दौर्भाग्यदावांबुदमालिकाभ्याम् ।दूरिकृतानम्र विपत्ततिभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥2॥ नता ययोः श्रीपतितां समीयुः कदाचिद-प्याशु दरिद्रवर्याः ।मूकाश्च वाचस्पतितां हि ताभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥3॥ नालीकनीकाश पदाहृताभ्यां नानाविमोहादि-निवारिकाभ्यां ।नमज्जनाभीष्टततिप्रदाभ्यां नमो नमः श्रीगुरुपादुकाभ्याम् ॥4॥ नृपालि मौलिव्रजरत्नकांति सरिद्विराजत् झषकन्यकाभ्यां ।नृपत्वदाभ्यां…
-
श्री मातृ पञ्चकम् (Shri Mathru Panchakam)
Shri Mathru Panchakam आस्तां तावदियं प्रसूतिसमये दुर्वारशूलव्यथानैरुच्यं तनुशोषणं मलमयी शय्या च संवत्सरी । एकस्यापि न गर्भभारभरणक्लेशस्य यस्याक्षमःदातुं निष्कृतिमुन्नतोऽपि तनयस्तस्यै जनन्यै नमः ॥ मातः सोऽहमुपस्तितोऽस्मि पुरतः पूर्वप्रतिज्ञां स्मरन्,प्रत्यश्रावि पुराहि तेऽन्त्य समये प्राप्तुं समीपं तव ।ग्राहग्रासमिषाद्यया ह्यनुमतस्तुर्याश्रमं प्राप्तुवान्,यत्प्रीत्यै च समागतोऽहमधुना तस्यै जनन्यै नमः ॥ १॥ ब्रूते मातृसमा श्रुतिर्भगवती यद्बार्हदारण्यकै,तत्त्वं वेत्स्यति मातृमांश्च पितृमानाचार्यवानित्यसौ ।तत्रादौ किल मातृशिक्षणविधिं सर्वोत्तमं शासती,पूज्यात्पूज्यतरां…
-
शिव तांडव स्तोत्रम् (Shiv Tandav Stotram)
Shiv Tandav Stotram सार्थशिवताण्डवस्तोत्रम्॥ श्रीगणेशाय नमः ॥ जटाटवीगलज्जलप्रवाहपावितस्थलेगलेऽवलम्ब्य लम्बितां भुजङ्गतुङ्गमालिकाम् ।डमड्डमड्डमड्डमन्निनादवड्डमर्वयंचकार चण्डताण्डवं तनोतु नः शिवः शिवम् ॥१॥ जटाकटाहसम्भ्रमभ्रमन्निलिम्पनिर्झरीविलोलवीचिवल्लरीविराजमानमूर्धनि ।धगद्धगद्धगज्ज्वलल्ललाटपट्टपावकेकिशोरचन्द्रशेखरे रतिः प्रतिक्षणं मम ॥२॥ धराधरेन्द्रनंदिनीविलासबन्धुबन्धुरस्फुरद्दिगन्तसन्ततिप्रमोदमानमानसे ।कृपाकटाक्षधोरणीनिरुद्धदुर्धरापदिक्वचिद्दिगम्बरे(क्वचिच्चिदम्बरे) मनो विनोदमेतु वस्तुनि ॥३॥ जटाभुजङ्गपिङ्गलस्फुरत्फणामणिप्रभाकदम्बकुङ्कुमद्रवप्रलिप्तदिग्वधूमुखे ।मदान्धसिन्धुरस्फुरत्त्वगुत्तरीयमेदुरेमनो विनोदमद्भुतं बिभर्तु भूतभर्तरि ॥४॥ सहस्रलोचनप्रभृत्यशेषलेखशेखरप्रसूनधूलिधोरणी विधूसराङ्घ्रिपीठभूः ।भुजङ्गराजमालया निबद्धजाटजूटकश्रियै चिराय जायतां चकोरबन्धुशेखरः ॥५॥ ललाटचत्वरज्वलद्धनञ्जयस्फुलिङ्गभानिपीतपञ्चसायकं नमन्निलिम्पनायकम् ।सुधामयूखलेखया विराजमानशेखरंमहाकपालिसम्पदेशिरोजटालमस्तु नः ॥६॥ करालभालपट्टिकाधगद्धगद्धगज्ज्वलद्धनञ्जयाहुतीकृतप्रचण्डपञ्चसायके ।धराधरेन्द्रनन्दिनीकुचाग्रचित्रपत्रकप्रकल्पनैकशिल्पिनि त्रिलोचने रतिर्मम ॥७॥ नवीनमेघमण्डली…
-
कर्पूरगौरं करुणावतारं (Karpura Gauram Karuna Avataram)
कर्पूरगौरं करुणावतारं,संसारसारम् भुजगेन्द्रहारम् ।सदावसन्तं हृदयारविन्दे,भवं भवानीसहितं नमामि Karpura Gauram Karuna Avataram (कर्पूरगौरं करुणावतारं) KarpuuraGauram KarunaAvataram, Sansara-Saram BhujagendraHaram।SadaVasantam HradayaAravinde, Bhavam BhawaneeSahitam Namami॥
-
भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा: मंत्र (Bhagyada Lakshmi Baaramma)
Bhagyada Lakshmi Baaramma भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ।नम्मम्म नी सौभाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥ हेज्जेय मेले हेज्जेयनिक्कुतगेज्जे काल्गळ ध्वनिय तोरुत ।सज्जन साधु पूजेय वेळेगेमज्जिगेयोळगिन बेण्णेयन्ते ॥ 1 ॥ भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥ कनक वृष्टिय करेयुत बारेमनकामनेय सिद्धिय तोरे ।दिनकर कोटि तेजदि होळेयुवजनकरायन कुमारि बेग ॥ 2 ॥ भाग्यद लक्ष्मी बारम्मा ॥ अत्तित्तलगदे भक्तर मनेयलिनित्य महोत्सव नित्य सुमन्गळ ।सत्यव…