Category: धार्मिक आरती

  • बृहस्पति देव की आरती

    बृहस्पति देव की आरती

    Brihaspati dev aarti जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥ तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।प्रभु प्रकट तब होकर,…

  • वैष्णो माता की आरती

    वैष्णो माता की आरती

    Veshno mata aarti जय वैष्णव माता, मैया जय वैष्णव माता।द्वार तुम्हारे जो भी आता, बिन माँगे सब कुछ पा जाता।। ऊँ जय वैष्णो माता। तू चाहे तो जीवन दे दे, चाहे पल मे खुशियां दे दे।जन्म मरण हाथ तेरे है शक्ति माता ।। ऊँ जय वैष्णो माता। जब जब जिसने तुझको पुकारा तूने दिया है…

  • माता पार्वती की आरती

    माता पार्वती की आरती

    Parwati Mata ki aarti  जय पार्वती माता, मैया जय पार्वती माताब्रह्म सनातन देवी ,शुभ फल की दाता।  ऊँ जय पार्वती माता.. अरिकुल पद्मा विनासनी, जय सेवक त्राताजग जीवन जगदम्बा, हरिहर गुण गाता।  ऊँ जय पार्वती माता.. सिंह को वाहन साजे, कुंडल है साथादेव वधु जहं गावत, नृत्य कर ताथा। ऊँ जय पार्वती माता.. सतयुग शील…

  • श्री राधा जी की आरती

    श्री राधा जी की आरती

    Radha ji ki aarti आरती श्री वृषभानुसुता की, मंजु मूर्ति मोहन ममता की।। त्रिविध तापयुत संसृति नाशिनि, विमल विवेक विराग विकासिनि।पावन प्रभु पद प्रीति प्रकाशिनि, सुन्दरतम छवि सुन्दरता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की… मुनि मन मोहन मोहन मोहनि, मधुर मनोहर मूरती सोहनि।।अविरलप्रेम अमिय रस दोहनि, प्रिय अति सदा सखी ललिता की।। आरती श्री वृषभानुसुता की… संतत सेव्य…

  • श्री तुलसी माता की आरती

    श्री तुलसी माता की आरती

    Tulsi Mata Ki Aarti  जय तुलसी माता, मैया जय तुलसी माता।सब सुख की दाता वर माता ।। जय जय तुलसी माता… सब योगों के ऊपर, सब रोगों के ऊपर।रज से रक्षा करके भव त्राता।। जय जय तुलसी माता… बहु पुत्री है श्यामा, सुर बल्ली हे ग्राम्या।विष्णु प्रिय जो तुमको सेवे सो नर तर जाता।। जय जय तुलसी…

  • श्री कुंजबिहारी की आरती

    श्री कुंजबिहारी की आरती

    Kunj bihari ji aarti आरती कुंज बिहारी की, श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की।गले में बैजन्ती माला, बजावै मुरली मधुर बाला।श्रवन में कुंडल झलकाला, नंद के आनंद नंदलाला।नैनन बीच, बसहि उरबीच, सुरतिया रूप उजारी की ।।श्री गिरधर कृष्ण मुरारी की। आरती कुंज बिहारी की… गगन सम अंग कांति काली, राधिका चमक रही आली।लतन में ठाढ़ै बनमाली,…

  • साईं बाबा आरती

    साईं बाबा आरती

    Sai Baba ki aarti आरती श्री साईं गुरुवर की |परमानन्द सदा सुरवर की ।। जा की कृपा विपुल सुखकारी |दुःख, शोक, संकट, भयहारी ।। शिरडी में अवतार रचाया |चमत्कार से तत्व दिखाया ।। कितने भक्त चरण पर आये |वे सुख शान्ति चिरंतन पाये ।। भाव धरै जो मन में जैसा |पावत अनुभव वो ही वैसा…

  • श्री गंगा माता की आरती

    श्री गंगा माता की आरती

    Ganga mata ki aarti ऊँ जय गंगे माता, श्री गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवंछित फल पाता।। ऊँ जय गंगे माता… चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ।। ऊँ जय गंगे माता… पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता ।कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।। ऊँ जय गंगे…

  • शनिदेव की आरती

    शनिदेव की आरती

    Shanidev ji ki aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी। जय जय जय शनि देव… श्याम अंक वक्र-दृष्टि चतुर्भुजाधारी।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।। जय जय जय शनि देव… किरीट मुकुट शीश सहज दीपत है लिलारी।मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी।। जय जय जय शनि देव… मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती…

  • दुर्गे माता की आरती

    दुर्गे माता की आरती

    Durga Mata aarti  अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली।तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥ तेरे भक्त जनों पर माता, भीड़ पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पड़ों माँ करके सिंह सवारी। सौ-सौ सिंहो से बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली,दुष्टो को पल में संहारती। ओ मैया हम…

  • आरती जय अम्बे गौरी

    आरती जय अम्बे गौरी

    Jai Ambey Gori Aarti जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी ।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को ।उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ जय.. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ जय… केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी ॥…

  • श्री हनुमान जी की आरती

    श्री हनुमान जी की आरती

    Hanuman Ji ki aarti आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।। लंका जारी…

  • शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा 

    शिव आरती – ॐ जय शिव ओंकारा 

    Shiv ji ki aarti जय शिव ओंकारा ॐ जय शिव ओंकारा ।ब्रह्मा विष्णु सदा शिव अर्द्धांगी धारा ॥ ॐ जय शिव…॥ एकानन चतुरानन पंचानन राजे ।हंसानन गरुड़ासन वृषवाहन साजे ॥ ॐ जय शिव…॥ दो भुज चार चतुर्भुज दस भुज अति सोहे।त्रिगुण रूपनिरखता त्रिभुवन जन मोहे ॥ ॐ जय शिव…॥ अक्षमाला बनमाला रुण्डमाला धारी ।चंदन मृगमद…

  • गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)

    गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)

    Ganesh Ji ki aarti जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एकदन्त दयावन्त, चारभुजा धारी।माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥ पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।लड्डुअन को भोग लगे, संकट से निकट जवा॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ अंधे को आँख देत, कोढ़ियों…