Category: व्रत कथा

  • निर्जला एकादशी – Nirjala Ekadashi

    निर्जला एकादशी – Nirjala Ekadashi

    Nirjala Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…

  • भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)

    भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)

    Bhaum Pradosh Vrat Katha एक समय की बात है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था। वृद्धा की हनुमानजी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमानजी की आराधना करती थी। एक बार हनुमानजी ने अपनी भक्तिनी उस वृद्ध महिला की श्रद्धा का परीक्षण करने का…

  • गोपेश्वर महादेव की लीला (Gopeshwar Mahadev Leela Katha)

    गोपेश्वर महादेव की लीला (Gopeshwar Mahadev Leela Katha)

    Gopeshwar Mahadev Leela Katha एक बार शरद पूर्णिमा की शरत-उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर साक्षात मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात्रि करके मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में गई तो हमारे भोले बाबा के कानों…

  • आमलकी एकादशी व्रत कथा (Amalaki Ekadashi Vrat Katha)

    आमलकी एकादशी व्रत कथा (Amalaki Ekadashi Vrat Katha)

    Amalaki Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्‍ठिर बोले: हे जनार्दन! आपने फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी का सुंदर वर्णन करते हुए सुनाया। अब आप फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मुझे बताइए। श्री भगवान बोले: हे राजन्, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम आमलकी एकादशी है। इस व्रत के करने से…

  • कामदा एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha)

    कामदा एकादशी व्रत कथा (Kamada Ekadashi Vrat Katha)

    Kamada Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे: हे भगवन्! मैं आपको कोटि-कोटि नमन करता हूँ। आपने चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात पापमोचनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके चैत्र शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं महात्म्य क्या है? भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे धर्मराज! चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की…

  • सोम प्रदोष व्रत कथा (Som Pradosh Vrat Katha)

    सोम प्रदोष व्रत कथा (Som Pradosh Vrat Katha)

    Som Pradosh Vrat Katha एक नगर में एक ब्राह्मणी रहती थी। उसके पति का स्वर्गवास हो गया था। उसका अब कोई आश्रयदाता नहीं था, इसलिए प्रातः होते ही वह अपने पुत्र के साथ भीख मांगने निकल पड़ती थी। भिक्षाटन से ही वह स्वयं व पुत्र का पेट पालती थी। एक दिन ब्राह्मणी घर लौट रही…

  • मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)

    मोहिनी एकादशी व्रत कथा (Mohini Ekadashi Vrat Katha)

    Mohini Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर ने कहा: हे भगवन्! मैं आपको नमस्कार करता हूँ। आपने वैशाख मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात वरुथिनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके वैशाख शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी कथा क्या है? इस व्रत की क्या विधि है, यह सब विस्तारपूर्वक…

  • गंगा दशहरा कथा (Ganga Dussehra Katha)

    गंगा दशहरा कथा (Ganga Dussehra Katha)

    Ganga Dussehra Katha भगवान् श्रीरामका जन्म अयोध्याके सूर्यवंशमें हुआ था। चक्रवर्ती महाराज सगर उनके पूर्वज थे। उनकी केशिनी और सुमति नामकी दो रानियाँ थीं। केशिनीके पुत्रका नाम असमञ्जस था और सुमतिके साठ हजार पुत्र थे। असमञ्जसके पुत्रका नाम अंशुमान् था। राजा सगरके असमञ्जससहित सभी पुत्र अत्यन्त उद्दण्ड और दुष्ट प्रकृतिके थे, परंतु पौत्र अंशुमान् धार्मिक और देव-गुरुपूजक था। पुत्रोंसे दुःखी होकर महाराज सगरने…

  • रवि प्रदोष कथा (Ravi Pradosh Vrat Katha)

    रवि प्रदोष कथा (Ravi Pradosh Vrat Katha)

    Ravi Pradosh Vrat Katha एक ग्राम में अति दीन ब्राह्मण निवास करता था। उसकी साध्वी स्त्री प्रदोष व्रत किया करती थी। उसे एक ही पुत्ररत्न था। एक समय की बात है, वह पुत्र गंगा स्नान करने के लिए गया। दुर्भाग्यवश मार्ग में चोरों ने उसे घेर लिया और वे कहने लगे कि हम तुम्हें मारेंगे…

  • नल-दमयंती कथा (Nal Damyanti Katha)

    नल-दमयंती कथा (Nal Damyanti Katha)

    Nal Damyanti Katha महाभारत महाकाव्य, में एक प्रसंग के अनुसार नल और दमयन्ती की कथा महाराज युधिष्ठिर को सुनाई गई थी। युधिष्ठिर को जुए में अपना सब-कुछ गँवा कर अपने भाइयों के साथ 12 वर्ष के वनवास तथा एक वर्ष के अग्यातवास पर जाना पड़ा। इस वनवास के समय धर्मराज युधिष्ठिर के आग्रह करने पर…

  • गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)

    गणगौर व्रत कथा (Gangaur Vrat Katha)

    एक समय की बात है, भगवान शंकर, माता पार्वती जी एवं नारदजी के साथ भ्रमण हेतु चल दिए। वे चलते-चलते चैत्र शुक्ल तृतीया को एक गाँव में पहुँचे। उनका आगमन सुनकर ग्राम की निर्धन स्त्रियाँ उनके स्वागत के लिए थालियों में हल्दी एवं अक्षत लेकर पूजन हेतु तुरतं पहुँच गई। पार्वती जी ने उनके पूजा भाव को…

  • सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha)

    सोमवती अमावस्या व्रत कथा (Somvati Amavasya Vrat Katha)

    Somvati Amavasya Vrat Katha सोमवती अमावस्या व्रत कथा के अनुसार, एक गरीब ब्राह्मण परिवार था, उस परिवार में पति-पत्नी एवं उसकी एक पुत्री भी थी। उनकी पुत्री समय के गुजरने के साथ-साथ धीरे-धीरे बड़ी होने लगी। उस पुत्री में बढ़ती उम्र के साथ सभी स्त्रियोचित सगुणों का विकास हो रहा था। वह कन्या सुंदर, संस्कारवान एवं…

  • बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा (Brihaspatidev Ji Vrat Katha)

    बृहस्पतिवार व्रत कथा | बृहस्पतिदेव की कथा (Brihaspatidev Ji Vrat Katha)

    Brihaspatidev Vrat Katha भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने से मना किया करती…

  • बुधवार व्रत की कथा (Budhwar vart katha)

    बुधवार व्रत की कथा (Budhwar vart katha)

    Budhwar vart katha समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था। एक बार मधुसूदन अपनी पत्नी को लेने बुधवार के दिन बलरामपुर गया ।मधुसूदन ने पत्नी के माता-पिता से संगीता को विदा कराने के लिए कहा। माता-पिता बोले-…

  • मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar varat ki katha)

    मंगलवार व्रत कथा (Mangalwar varat ki katha)

    Mangalwar varat katha एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के…