Category: Blog
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स्वतंत्रता दिवस – Independence Day
Independence Day भारत का स्वतंत्रता दिवस, हर साल 15 अगस्त को मनाया जाता है। स्वतंत्रता दिवस भारत में 190 साल लंबे ब्रिटिश शासन के अंत का प्रतीक है। 1947, 15 अगस्त के दिन भारत को स्वतंत्र देश घोषित किया गया था। 2024 में भारत स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में 78 वर्ष पूरे कर लेगा। स्वतंत्रता…
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घी संक्रांति – Ghee Sankranti
Ghee Sankranti उत्तराखंड राज्य अपनी संस्कृति और परंपरा के लिए जाना जाता है। ऐसे पारंपरिक त्योहारों में घी संक्रांति प्रसिद्ध है। घी संक्रांति को क्षेत्रीय भाषा में घी त्यार, घ्यू त्यार, घु संक्रांति और ओल्गिया भी कहा जाता है। घी संक्रांति के दिन घी खाने का विशेष महत्व है। घी संक्रांति कब और कैसे मनाई जाती है:◉ घी संक्रांति पर्व भादो मास की…
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वरलक्ष्मी पूजा – Varalakshmi Pooja
Varalakshmi Pooja वरलक्ष्मी व्रत देवी लक्ष्मी की प्रसन्नता का पर्व है। वरलक्ष्मी देवी वह है जो वर (वरदान) देती है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, यह व्रत देवी पार्वती द्वारा समृद्धि और सुख की प्राप्ति के लिए किया गया था। वरलक्ष्मी व्रत, श्रावण माह के अंतिम शुक्रवार के दिन रखा जाता है, सरल भाषा में समझे तो…
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नाग पंचमी – Nag Panchami
Nag Panchami नाग पंचमी त्यौहार के दिन नागदेव की पूजा तथा दूध से स्नान कराया जाता है। नागदेव को अपने क्षेत्र के संरक्षक के रूप में पूजा जाता है, कुछ जगहों पर इन्हें क्षेत्रपाल भी कहा गया है। जन्मकुन्डली में सर्प दोष के निवारण हेतु यह श्रेष्ठ दिन है। नाग पंचमी के दिन नागदेव के दर्शन…
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कल्कि अवतरण दिवस – Kalki Avtaran Diwas
Kalki Avtaran Diwas भगवान विष्णु के दसवें अवतार भगवान कल्कि का अवतरण कलियुग के अंत में होगा, भगवान कल्कि के इस अवतरण दिवस को कल्कि जयंती के नाम से जाना जाता है। कलयुग के अंत में जब पृथ्वी पर पाप बहुत अधिक बढ़ जाएगा, तब दुष्टों के संहार के लिए भगवान विष्णु, कल्कि अवतार में प्रकट होंगे।…
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भूतेश्वर ने ध्यालो जी – भजन (Bhuteshwar Ne Dhyalo Ji)
भूतेश्वर ने ध्यालो जी,सोया भाग्य जगा लो जी,भगता रो यो रखपाल,बैठ्यो भोलो धणी ॥ माथे ऊपर चंदा सोहे,जटा में गंग विराजे रे,मुकुट मणि री आभा सोहे,नाग गले में साजे रे,आ ने आज रिझा ल्यो जी,बिगड़ा काम बणाल्यो जी,भगता रो यो रखपाल,बैठ्यो भोलो धणी ॥ आक धतूरा खावे बाबो,भंगिया भोग लगावे रे,अंग भभूत रमावे भोलो,धुनि अलख…
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काँवड़ यात्रा – Kanwar Yatra
काँवड़ यात्रा मानसून के श्रावण माह मे किए जाने वाला अनुष्ठान है। कंवर (काँवर), एक खोखले बांस को कहते हैं इस अनुष्ठान के अंतर्गत, भगवान शिव के भक्तों को कंवरिया या काँवाँरथी के रूप में जाना जाता है। हिंदू तीर्थ स्थानों हरिद्वार, गौमुख व गंगोत्री, सुल्तानगंज में गंगा नदी, काशी विश्वनाथ, बैद्यनाथ, नीलकंठ और देवघर सहित…
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देवो के देव हे महादेव भजन (Devo Ke Dev He Mahadev bhajan)
नाथों के नाथ महादेव शिव शंकरभीड़ में सुनसान में साक्षात् शम्भुनाथॐ की गुंजार में ओमकार शिव नाथदृश्य या अदृश्य हर पुकार में हर हरशून्य शिखर सूक्षम वृहद् हर हर भोले नाथ देवो के देव हे महादेवविश्वेश्वरा सर्वोपरि त्वमेवदेवो के देव हे महादेवपरमेश्वरा हे शम्भू एक मेव भक्ति ज्ञान ध्यान योग मनन जाप मेंकष्ट विपदा जटिल…
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प्रातः स्मरण – दैनिक उपासना (Pratah Smaran Dainik Upasana)
Pratah Smaran Dainik Upasana सम्पूर्ण प्रातः स्मरण, जो कि दैनिक उपासना से उदधृत है, आप सभी इसे अपने जीवन में उतारें एवं अपने अनुजो को भी इससे अवगत कराएं। प्रात: कर-दर्शनम्-कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती ।कर मूले तु गोविन्द:, प्रभाते करदर्शनम ॥१॥ पृथ्वी क्षमा प्रार्थना-समुद्रवसने देवि ! पर्वतस्तनमंड्ले ।विष्णुपत्नि! नमस्तुभ्यं पाद्स्पर्श्म क्षमस्वे ॥२॥ त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण-ब्रह्मा…
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विलक्कु पूजा – Vilakku Pooja
Vilakku Pooja विलक्कु पूजा, भाग्य और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रतीक है। एक समय में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की पूजा दीप जलाकर किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और दुनिया में शांति आती है। थिरु विलक्कु पूजा, ज्यादातर शुक्रवार को या तो सुबह…
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देवशयनी एकादशी – Devshayani Ekadashi
Devshayani Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…
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सुदर्शन जयंती – Sudarshana Jayanti
Sudarshana Jayanti सुदर्शन चक्र जयंती भगवान विष्णु के सुदर्शन चक्र को समर्पित है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन पवित्र चक्र ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई थी। सुदर्शन चक्र जयंती शुक्ल पक्ष की आषाढ़ दशमी को मनाई जाती है। इस बर्ष सुदर्शन जयंती 16 जुलाई 2024 की तारीख को मनाई जाएगी। कहा जाता है कि…
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कोकिला व्रत – Kokila Vrat
Kokila Vrat कोकिला व्रत आषाढ़ पूर्णिमा के दिन किया जाता है पर इसका आरंभ एक दिन पहले से ही आरंभ कर दिया जाता है। कोकिला व्रत का विशेष महत्व दांपत्यु सुख एवं अविवाहितों के लिए जल्द विवाह करने मे वरदान है। आषाढ़ के अधिक मास होने पर यह व्रत प्रथम आषाढ़ की पूर्णिमा से दूसरे आषाढ़ की…
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पंचक 2024 – Panchak 2024
Panchak 2024 ज्योतिष के अनुसार पांच नक्षत्रों के संयोग को पंचक कहा जाता है। इन पांच नक्षत्रों में घनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद और रेवती हैं। पंचक का स्वामी ग्रह कुंभ और राशि मीन होती है। प्रत्येक माह आने वाले पंचक में इन पांच नक्षत्रों की भी गणना की जाती है। मासिक पंचक अनुसूची 2024पंचक आरम्भ…
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हरेला – Harela
Harela सुख, समृद्धि और खुशहाली का पर्व हरेला मूल रूप से देवभूमि उत्तराखण्ड राज्य के कुमाऊँ क्षेत्र में हर्षोल्लास के साथ मनाया जाने वाला पर्व है। हरेला सूर्य के मिथुन राशि से कर्क राशि में प्रवेश के कारण उत्पन्न कर्क संक्रांति के कारण मनाया जाता है तथा संक्रांति कैलेंडर के अनुसार सावन मास का आगमन माना जाता है। त्यौहार को हरेला…