Ganesh Ji ki aarti
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
एकदन्त दयावन्त, चारभुजा धारी।
माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन को भोग लगे, संकट से निकट जवा॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
अंधे को आँख देत, कोढ़ियों को काया।
बन्धन को खोल देत, मुक्ति को दिवाया॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।
लड्डुअन को भोग लगे, संकट से निकट जवा॥
जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।
माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥
