Jaap sahib

जापु साहिब (Jaap Sahib)

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Jaap Sahib

ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ 

जापु ॥ 

स्री मुखवाक पातिसाही १० ॥ 


छपै छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

चक्क्र चिहन अरु बरन जाति अरु पाति नहिन जिह ॥ 

रूप रंग अरु रेख भेख कोऊ कहि न सकति किह ॥ 

अचल मूरति अनभउ प्रकास अमितोजि कहिज्जै ॥ 

कोटि इंद्र इंद्राण साहु साहाणि गणिजै ॥ 

तृभवण महीप सुर नर असुर नेत नेत बन तृण कहत ॥ 

तव सरब नाम कथै कवन करम नाम बरनत सुमति ॥१॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

नमसत्वं अकाले ॥ 

नमसत्वं कृपाले ॥ 

नमसतं अरूपे ॥ 

नमसतं अनूपे ॥२॥ 

नमसतं अभेखे ॥ 

नमसतं अलेखे ॥ 

नमसतं अकाए ॥ 

नमसतं अजाए ॥३॥ 

नमसतं अगंजे ॥ 

नमसतं अभंजे ॥ 

नमसतं अनामे ॥ 

नमसतं अठामे ॥४॥ 

नमसतं अकरमं ॥ 

नमसतं अधरमं ॥ 

नमसतं अनामं ॥ 

नमसतं अधामं ॥५॥ 

नमसतं अजीते ॥ 

नमसतं अभीते ॥ 

नमसतं अबाहे ॥ 

नमसतं अढाहे ॥६॥ 

नमसतं अनीले ॥ 

नमसतं अनादे ॥ 

नमसतं अछेदे ॥ 

नमसतं अगाधे ॥७॥ 

नमसतं अगंजे ॥ 

नमसतं अभंजे ॥ 

नमसतं उदारे ॥ 

नमसतं अपारे ॥८॥ 

नमसतं सु एकै ॥ 

नमसतं अनेकै ॥ 

नमसतं अभूते ॥ 

नमसतं अजूपे ॥९॥ 

नमसतं नृकरमे ॥ 

नमसतं नृभरमे ॥ 

नमसतं नृदेसे ॥ 

नमसतं नृभेसे ॥१०॥ 

नमसतं नृनामे ॥ 

नमसतं नृकामे ॥ 

नमसतं नृधाते ॥ 

नमसतं नृघाते ॥११॥ 

नमसतं नृधूते ॥ 

नमसतं अभूते ॥ 

नमसतं अलोके ॥ 

नमसतं असोके ॥१२॥ 

नमसतं नृतापे ॥ 

नमसतं अथापे ॥ 

नमसतं तृमाने ॥ 

नमसतं निधाने ॥१३॥ 

नमसतं अगाहे ॥ 

नमसतं अबाहे ॥ 

नमसतं तृबरगे ॥ 

नमसतं असरगे ॥१४॥ 

नमसतं प्रभोगे ॥ 

नमसतं सुजोगे ॥ 

नमसतं अरंगे ॥ 

नमसतं अभंगे ॥१५॥ 

नमसतं अगंमे ॥ 

नमसतसतु रंमे ॥ 

नमसतं जलासरे ॥ 

नमसतं निरासरे ॥१६॥ 

नमसतं अजाते ॥ 

नमसतं अपाते ॥ 

नमसतं अमजबे ॥ 

नमसतसतु अजबे ॥१७॥ 

अदेसं अदेसे ॥ 

नमसतं अभेसे ॥ 

नमसतं नृधामे ॥ 

नमसतं नृबामे ॥१८॥ 

नमो सरब काले ॥ 

नमो सरब दिआले ॥ 

नमो सरब रूपे ॥ 

नमो सरब भूपे ॥१९॥ 

नमो सरब खापे ॥ 

नमो सरब थापे ॥ 

नमो सरब काले ॥ 

नमो सरब पाले ॥२०॥ 

नमसतसतु देवै ॥ 

नमसतं अभेवै ॥ 

नमसतं अजनमे ॥ 

नमसतं सुबनमे ॥२१॥ 

नमो सरब गउने ॥ 

नमो सरब भउने ॥ 

नमो सरब रंगे ॥ 

नमो सरब भंगे ॥२२॥ 

नमो काल काले ॥ 

नमसतसतु दिआले ॥ 

नमसतं अबरने ॥ 

नमसतं अमरने ॥२३॥ 

नमसतं जरारं ॥ 

नमसतं कृतारं ॥ 

नमो सरब धंधे ॥ 

नमोसत अबंधे ॥२४॥ 

नमसतं नृसाके ॥ 

नमसतं नृबाके ॥ 

नमसतं रहीमे ॥ 

नमसतं करीमे ॥२५॥ 

नमसतं अनंते ॥ 

नमसतं महंते ॥ 

नमसतसतु रागे ॥ 

नमसतं सुहागे ॥२६॥ 

नमो सरब सोखं ॥ 

नमो सरब पोखं ॥ 

नमो सरब करता ॥ 

नमो सरब हरता ॥२७॥ 

नमो जोग जोगे ॥ 

नमो भोग भोगे ॥ 

नमो सरब दिआले ॥ 

नमो सरब पाले ॥२८॥ 


चाचरी छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

अरूप हैं ॥ 

अनूप हैं ॥ 

अजू हैं ॥ 

अभू हैं ॥२९॥ 

अलेख हैं ॥ 

अभेख हैं ॥ 

अनाम हैं ॥ 

अकाम हैं ॥३०॥ 

अधे हैं ॥ 

अभे हैं ॥ 

अजीत हैं ॥ 

अभीत हैं ॥३१॥ 

तृमान हैं ॥ 

निधान हैं ॥ 

तृबरग हैं ॥ 

असरग हैं ॥३२॥ 

अनील हैं ॥ 

अनादि हैं ॥ 

अजे हैं ॥ 

अजादि हैं ॥३३॥ 

अजनम हैं ॥ 

अबरन हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ 

अभरन हैं ॥३४॥ 

अगंज हैं ॥ 

अभंज हैं ॥ 

अझूझ हैं ॥ 

अझंझ हैं ॥३५॥ 

अमीक हैं ॥ 

रफ़ीक हैं ॥ 

अधंध हैं ॥ 

अबंध हैं ॥३६॥ 

नृबूझ हैं ॥ 

असूझ हैं ॥ 

अकाल हैं ॥ 

अजाल हैं ॥३७॥ 

अलाह हैं ॥ 

अजाह हैं ॥ 

अनंत हैं ॥ 

महंत हैं ॥३८॥ 

अलीक हैं ॥ 

नृस्रीक हैं ॥ 

नृलंभ हैं ॥ 

असंभ हैं ॥३९॥ 

अगंम हैं ॥ 

अजंम हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ 

अछूत हैं ॥४०॥ 

अलोक हैं ॥ 

असोक हैं ॥ 

अकरम हैं ॥ 

अभरम हैं ॥४१॥ 

अजीत हैं ॥ 

अभीत हैं ॥ 

अबाह हैं ॥ 

अगाह हैं ॥४२॥ 

अमान हैं ॥ 

निधान हैं ॥ 

अनेक हैं ॥ 

फिरि एक हैं ॥४३॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

नमो सरब माने ॥ 

समसती निधाने ॥ 

नमो देव देवे ॥ 

अभेखी अभेवे ॥४४॥ 

नमो काल काले ॥ 

नमो सरब पाले ॥ 

नमो सरब गउणे ॥ 

नमो सरब भउणे ॥४५॥ 

अनंगी अनाथे ॥ 

नृसंगी प्रमाथे ॥ 

नमो भान भाने ॥ 

नमो मान माने ॥४६॥ 

नमो चंद्र चंद्रे ॥ 

नमो भान भाने ॥ 

नमो गीत गीते ॥ 

नमो तान ताने ॥४७॥ 

नमो नृत्त नृत्ते ॥ 

नमो नाद नादे ॥ 

नमो पान पाने ॥ 

नमो बाद बादे ॥४८॥ 

अनंगी अनामे ॥ 

समसती सरूपे ॥ 

प्रभंगी प्रमाथे ॥ 

समसती बिभूते ॥४९॥ 

कलंकं बिना नेकलंकी सरूपे ॥ 

नमो राज राजेस्वरं परम रूपे ॥५०॥ 

नमो जोग जोगेस्वरं परम सिद्धे ॥ 

नमो राज राजेस्वरं परम बृधे ॥५१॥ 

नमो ससत्र पाणे ॥ 

नमो असत्र माणे ॥ 

नमो परम गिआता ॥ 

नमो लोक माता ॥५२॥ 

अभेखी अभरमी अभोगी अभुगते ॥ 

नमो जोग जोगेस्वरं परम जुगते ॥५३॥ 

नमो नित्त नाराइणे क्रूर करमे ॥ 

नमो प्रेत अप्रेत देवे सुधरमे ॥५४॥ 

नमो रोग हरता ॥ 

नमो राग रूपे ॥ 

नमो साह साहं ॥ 

नमो भूप भूपे ॥५५॥ 

नमो दान दाने ॥ 

नमो मान माने ॥ 

नमो रोग रोगे ॥ 

नमसतं सनाने ॥५६॥ 

नमो मंत्र मंत्रं ॥ 

नमो जंत्र जंत्रं ॥ 

नमो इसट इसटे ॥ 

नमो तंत्र तंत्रं ॥५७॥ 

सदा सच्चदानंद सरबं प्रणासी ॥ 

अनूपे अरूपे समसतुल निवासी ॥५८॥ 

सदा सिधदा बुधदा बृध करता ॥ 

अधो उरध अरधं अघं ओघ हरता ॥५९॥ 

परं परम परमेस्वरं प्रोछ पालं ॥ 

सदा सरबदा सिद्ध दाता दिआलं ॥६०॥ 

अछेदी अभेदी अनामं अकामं ॥ 

समसतो पराजी समसतसतु धामं ॥६१॥ 


तेरा जोरु ॥ 


चाचरी छंद ॥ 

जले हैं ॥ 

थले हैं ॥ 

अभीत हैं ॥ 

अभे हैं ॥६२॥ 

प्रभू हैं ॥ 

अजू हैं ॥ 

अदेस हैं ॥ 

अभेस हैं ॥६३॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

अगाधे अबाधे ॥ 

अनंदी सरूपे ॥ 

नमो सरब माने ॥ 

समसती निधाने ॥६४॥ 

नमसत्वं नृनाथे ॥ 

नमसत्वं प्रमाथे ॥ 

नमसत्वं अगंजे ॥ 

नमसत्वं अभंजे ॥६५॥ 

नमसत्वं अकाले ॥ 

नमसत्वं अपाले ॥ 

नमो सरब देसे ॥ 

नमो सरब भेसे ॥६६॥ 

नमो राज राजे ॥ 

नमो साज साजे ॥ 

नमो शाह शाहे ॥ 

नमो माह माहे ॥६७॥ 

नमो गीत गीते ॥ 

नमो प्रीत प्रीते ॥ 

नमो रोख रोखे ॥ 

नमो सोख सोखे ॥६८॥ 

नमो सरब रोगे ॥ 

नमो सरब भोगे ॥ 

नमो सरब जीतं ॥ 

नमो सरब भीतं ॥६९॥ 

नमो सरब गिआनं ॥ 

नमो परम तानं ॥ 

नमो सरब मंत्रं ॥ 

नमो सरब जंत्रं ॥७०॥ 

नमो सरब दृस्सं ॥ 

नमो सरब कृस्सं ॥ 

नमो सरब रंगे ॥ 

तृभंगी अनंगे ॥७१॥ 

नमो जीव जीवं ॥ 

नमो बीज बीजे ॥ 

अखिज्जे अभिज्जे ॥ 

समसतं प्रसिज्जे ॥७२॥ 

कृपालं सरूपे ॥ 

कुकरमं प्रणासी ॥ 

सदा सरबदा रिधि सिधं निवासी ॥७३॥ 


चरपट छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

अंमृत्त करमे ॥ 

अंबृत धरमे ॥ 

अखल्ल जोगे ॥ 

अचल्ल भोगे ॥७४॥ 

अचल्ल राजे ॥ 

अटल्ल साजे ॥ 

अखल्ल धरमं ॥ 

अलक्ख करमं ॥७५॥ 

सरबं दाता ॥ 

सरबं गिआता ॥ 

सरबं भाने ॥ 

सरबं माने ॥७६॥ 

सरबं प्राणं ॥ 

सरबं त्राणं ॥ 

सरबं भुगता ॥ 

सरबं जुगता ॥७७॥ 

सरबं देवं ॥ 

सरबं भेवं ॥ 

सरबं काले ॥ 

सरबं पाले ॥७८॥ 


रूआल छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

आदि रूप अनादि मूरति अजोनि पुरख अपार ॥ 

सरब मान तृमान देव अभेव आदि उदार ॥ 

सरब पालक सरब घालक सरब को पुनि काल ॥ 

जत्त्र तत्त्र बिराजही अवधूत रूप रिसाल ॥७९॥ 

नाम ठाम न जाति जाकर रूप रंग न रेख ॥ 

आदि पुरख उदार मूरति अजोनि आदि असेख ॥ 

देस और न भेस जाकर रूप रेख न राग ॥ 

जत्त्र तत्त्र दिसा विसा हुइ फैलिओ अनुराग ॥८०॥ 

नाम काम बिहीन पेखत धाम हूँ नहि जाहि ॥ 

सरब मान सरबत्त्र मान सदैव मानत ताहि ॥ 

एक मूरति अनेक दरसन कीन रूप अनेक ॥ 

खेल खेलि अखेल खेलन अंत को फिरि एक ॥८१॥ 

देव भेव न जानही जिह बेद अउर कतेब ॥ 

रूप रंग न जाति पाति सु जानई किंह जेब ॥ 

तात मात न जात जाकर जनम मरन बिहीन ॥ 

चक्क्र बक्क्र फिरै चतुर चक्क मानही पुर तीन ॥८२॥ 

लोक चउदह के बिखै जग जापही जिंह जाप ॥ 

आदि देव अनादि मूरति थापिओ सबै जिंह थापि ॥ 

परम रूप पुनीत मूरति पूरन पुरख अपार ॥ 

सरब बिस्व रचिओ सुयंभव गड़न भंजनहार ॥८३॥ 

काल हीन कला संजुगति अकाल पुरख अदेस ॥ 

धरम धाम सु भरम रहित अभूत अलख अभेस ॥ 

अंग राग न रंग जाकहि जाति पाति न नाम ॥ 

गरब गंजन दुसट भंजन मुकति दाइक काम ॥८४॥ 

आप रूप अमीक अनउसतति एक पुरख अवधूत ॥ 

गरब गंजन सरब भंजन आदि रूप असूत ॥ 

अंग हीन अभंग अनातम एक पुरख अपार ॥ 

सरब लाइक सरब घाइक सरब को प्रतिपार ॥८५॥ 

सरब गंता सरब हंता सरब ते अनभेख ॥ 

सरब सासत्र न जानही जिंह रूप रंगु अरु रेख ॥ 

परम बेद पुराण जाकहि नेति भाखत नित्त ॥ 

कोटि सिंमृत पुरान सासत्र न आवई वहु चित्त ॥८६॥ 


मधुभार छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

गुन गन उदार ॥ 

महिमा अपार ॥ 

आसन अभंग ॥ 

उपमा अनंग ॥८७॥ 

अनभउ प्रकास ॥ 

निस दिन अनास ॥ 

आजान बाहु ॥ 

साहान साहु ॥८८॥ 

राजान राज ॥ 

भानान भान ॥ 

देवान देव ॥ 

उपमा महान ॥८९॥ 

इंद्रान इंद्र ॥ 

बालान बाल ॥ 

रंकान रंक ॥ 

कालान काल ॥९०॥ 

अनभूत अंग ॥ 

आभा अभंग ॥ 

गति मिति अपार ॥ 

गुन गन उदार ॥९१॥ 

मुनि गन प्रनाम ॥ 

निरभै नृकाम ॥ 

अति दुति प्रचंड ॥ 

मिति गति अखंड ॥९२॥ 

आलिस्य करम ॥ 

आदृस्य धरम ॥ 

सरबा भरणाढ्य ॥ 

अनडंड बाढ्य ॥९३॥ 


चाचरी छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

गुबिंदे ॥ 

मुकंदे ॥ 

उदारे ॥ 

अपारे ॥९४॥ 

हरीअं ॥ 

करीअं ॥ 

नृनामे ॥ 

अकामे ॥९५॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

चत्त्रु चक्क्र करता ॥ 

चत्त्रु चक्क्र हरता ॥ 

चत्त्रु चक्क्र दाने ॥ 

चत्त्रु चक्क्र जाने ॥९६॥ 

चत्तु्र चक्क्र वरती ॥ 

चत्तु्र चक्क्र भरती ॥ 

चत्तु्र चक्क्र पाले ॥ 

चत्तु्र चक्क्र काले ॥९७॥ 

चत्तु्र चक्क्र पासे ॥ 

चत्तु्र चक्क्र वासे ॥ 

चत्तु्र चक्क्र मान्यै ॥ 

चत्त्रु चक्क्र दान्यै ॥९८॥ 


चाचरी छंद ॥ 

न सत्त्रै ॥ 

न मित्त्रै ॥ 

न भरमं ॥ 

न भित्त्रै ॥९९॥ 

न करमं ॥ 

न काए ॥ 

अजनमं ॥ 

अजाए ॥१००॥ 

न चित्त्रै ॥ 

न मित्त्रै ॥ 

परे हैं ॥ 

पवित्त्रै ॥१०१॥ 

पृथीसै ॥ 

अदीसै ॥ 

अदृसै ॥ 

अकृसै ॥१०२॥ 


भगवती छंद ॥ त्व प्रसादि कथते ॥

कि आछिज्ज देसै ॥ 

कि आभिज्ज भेसै ॥ 

कि आगंज करमै ॥ 

कि आभंज भरमै ॥१०३॥ 

कि आभिज लोकै ॥ 

कि आदित सोकै ॥ 

कि अवधूत बरनै ॥ 

कि बिभूत करनै ॥१०४॥ 

कि राजं प्रभा हैं ॥ 

कि धरमं धुजा हैं ॥ 

कि आसोक बरनै ॥ 

कि सरबा अभरनै ॥१०५॥ 

कि जगतं कृती हैं ॥ 

कि छत्रं छत्री हैं ॥ 

कि ब्रहमं सरूपै ॥ 

कि अनभउ अनूपै ॥१०६॥ 

कि आदि अदेव हैं ॥ 

कि आपि अभेव हैं ॥ 

कि चित्त्रं बिहीनै ॥ 

कि एकै अधीनै ॥१०७॥ 

कि रोज़ी रज़ाकै ॥ 

रहीमै रिहाकै ॥ 

कि पाक बिऐब हैं ॥ 

कि गैबुल ग़ैब हैं ॥१०८॥ 

कि अफवुल गुनाह हैं ॥ 

कि शाहान शाह हैं ॥ 

कि कारन कुनिंद हैं ॥ 

कि रोज़ी दिहंद हैं ॥१०९॥ 

कि राज़क रहीम हैं ॥ 

कि करमं करीम हैं ॥ 

कि सरबं कली हैं ॥ 

कि सरबं दली हैं ॥११०॥ 

कि सरबत्त्र मानियै ॥ 

कि सरबत्त्र दानियै ॥ 

कि सरबत्त्र गउनै ॥ 

कि सरबत्त्र भउनै ॥१११॥ 

कि सरबत्त्र देसै ॥ 

कि सरबत्त्र भेसै ॥ 

कि सरबत्त्र राजै ॥ 

कि सरबत्त्र साजै ॥११२॥ 

कि सरबत्त्र दीनै ॥ 

कि सरबत्त्र लीनै ॥ 

कि सरबत्त्र जाहो ॥ 

कि सरबत्त्र भाहो ॥११३॥ 

कि सरबत्त्र देसै ॥ 

कि सरबत्त्र भेसै ॥ 

कि सरबत्त्र कालै ॥ 

कि सरबत्त्र पालै ॥११४॥ 

कि सरबत्त्र हंता ॥ 

कि सरबत्त्र गंता ॥ 

कि सरबत्त्र भेखी ॥ 

कि सरबत्त्र पेखी ॥११५॥ 

कि सरबत्त्र काजै ॥ 

कि सरबत्त्र राजै ॥ 

कि सरबत्त्र सोखै ॥ 

कि सरबत्त्र पोखै ॥११६॥ 

कि सरबत्त्र त्राणै ॥ 

कि सरबत्त्र प्राणै ॥ 

कि सरबत्त्र देसै ॥ 

कि सरबत्त्र भेसै ॥११७॥ 

कि सरबत्त्र मानियैं ॥ 

सदैवं प्रधानियैं ॥ 

कि सरबत्त्र जापियै ॥ 

कि सरबत्त्र थापियै ॥११८॥ 

कि सरबत्त्र भानै ॥ 

कि सरबत्त्र मानै ॥ 

कि सरबत्त्र इंद्रै ॥ 

कि सरबत्त्र चंद्रै ॥११९॥ 

कि सरबं कलीमै ॥ 

कि परमं फ़हीमै ॥ 

कि आकल अलामै ॥ 

कि साहिब कलामै ॥१२०॥ 

कि हुसनल वजू हैं ॥ 

तमामुल रुजू हैं ॥ 

हमेसुल सलामैं ॥ 

सलीखत मुदामैं ॥१२१॥ 

ग़नीमुल शिकसतै ॥ 

ग़रीबुल परसतै ॥ 

बिलंदुल मकानैं ॥ 

ज़मीनल ज़मानैं ॥१२२॥ 

तमीज़ुल तमामैं ॥ 

रुजूअल निधानैं ॥ 

हरीफुल अजीमैं ॥ 

रज़ाइक यकीनैं ॥१२३॥ 

अनेकुल तरंग हैं ॥ 

अभेद हैं अभंग हैं ॥ 

अज़ीज़ुल निवाज़ हैं ॥ 

ग़नीमुल ख़िराज हैं ॥१२४॥ 

निरुकत सरूप हैं ॥ 

तृमुकति बिभूति हैं ॥ 

प्रभुगति प्रभा हैं ॥ 

सु जुगति सुधा हैं ॥१२५॥ 

सदैवं सरूप हैं ॥ 

अभेदी अनूप हैं ॥ 

समसतोपराज हैं ॥ 

सदा सरब साज हैं ॥१२६॥ 

समसतुल सलाम हैं ॥ 

सदैवल अकाम हैं ॥ 

नृबाध सरूप हैं ॥ 

अगाध हैं अनूप हैं ॥१२७॥ 

ओअं आदि रूपे ॥ 

अनादि सरूपे ॥ 

अनंगी अनामे ॥ 

तृभंगी तृकामे ॥१२८॥ 

तृबरगं तृबाधे ॥ 

अगंजे अगाधे ॥ 

सुभं सरब भागे ॥ 

सु सरबा अनुरागे ॥१२९॥ 

तृभुगत सरूप हैं ॥ 

अछिज्ज हैं अछूत हैं ॥ 

कि नरकं प्रणास हैं ॥ 

पृथीउल प्रवास हैं ॥१३०॥ 

निरुकति प्रभा हैं ॥ 

सदैवं सदा हैं ॥ 

बिभुगति सरूप हैं ॥ 

प्रजुगति अनूप हैं ॥१३१॥ 

निरुकति सदा हैं ॥ 

बिभुगति प्रभा हैं ॥ 

अनउकति सरूप हैं ॥ 

प्रजुगति अनूप हैं ॥१३२॥ 


चाचरी छंद ॥ 

अभंग हैं ॥ 

अनंग हैं ॥ 

अभेख हैं ॥ 

अलेख हैं ॥१३३॥ 

अभरम हैं ॥ 

अकरम हैं ॥ 

अनादि हैं ॥ 

जुगादि हैं ॥१३४॥ 

अजै हैं ॥ 

अबै हैं ॥ 

अभूत हैं ॥ 

अधूत हैं ॥१३५॥ 

अनास हैं ॥ 

उदास हैं ॥ 

अधंध हैं ॥ 

अबंध हैं ॥१३६॥ 

अभगत हैं ॥ 

बिरकत हैं ॥ 

अनास हैं ॥ 

प्रकास हैं ॥१३७॥ 

निचिंत हैं ॥ 

सुनिंत हैं ॥ 

अलिक्ख हैं ॥ 

अदिक्ख हैं ॥१३८॥ 

अलेख हैं ॥ 

अभेख हैं ॥ 

अढाह हैं ॥ 

अगाह हैं ॥१३९॥ 

असंभ हैं ॥ 

अगंभ हैं ॥ 

अनील हैं ॥ 

अनादि हैं ॥१४०॥ 

अनित्त हैं ॥ 

सु नित्त हैं ॥ 

अजात हैं ॥ 

अजादि हैं ॥१४१॥ 


चरपट छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

सरबं हंता ॥ 

सरबं गंता ॥ 

सरबं खिआता ॥ 

सरबं गिआता ॥१४२॥ 

सरबं हरता ॥ 

सरबं करता ॥ 

सरबं प्राणं ॥ 

सरबं त्राणं ॥१४३॥ 

सरबं करमं ॥ 

सरबं धरमं ॥ 

सरबं जुगता ॥ 

सरबं मुकता ॥१४४॥ 


रसावल छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

नमो नरक नासे ॥ 

सदैवं प्रकासे ॥ 

अनंगं सरूपे ॥ 

अभंगं बिभूते ॥१४५॥ 

प्रमाथं प्रमाथे ॥ 

सदा सरब साथे ॥ 

अगाध सरूपे ॥ 

नृबाध बिभूते ॥१४६॥ 

अनंगी अनामे ॥ 

तृभंगी तृकामे ॥ 

नृभंगी सरूपे ॥ 

सरबंगी अनूपे ॥१४७॥ 

न पोत्रै न पुत्रै ॥ 

न सत्त्रै न मित्रै ॥ 

न तातै न मातै ॥ 

न जातै न पातै ॥१४८॥ 

नृसाकं सरीक हैं ॥ 

अमितो अमीक हैं ॥ 

सदैवं प्रभा हैं ॥ 

अजै हैं अजा हैं ॥१४९॥ 


भगवती छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

कि ज़ाहर ज़हूर हैं ॥ 

कि हाज़र हज़ूर हैं ॥ 

हमेसुल सलाम हैं ॥ 

समसतुल कलाम हैं ॥१५०॥ 

कि साहिब दिमाग़ हैं ॥ 

कि हुसनल चराग़ हैं ॥ 

कि कामल करीम हैं ॥ 

कि राज़क रहीम हैं ॥१५१॥ 

कि रोज़ी दिहिंद हैं ॥ 

कि राज़क रहिंद हैं ॥ 

करीमुल कमाल हैं ॥ 

कि हुसनल जमाल हैं ॥१५२॥ 

ग़नीमुल ख़िराज हैं ॥ 

ग़रीबुल निवाज़ हैं ॥ 

हरीफ़ुल शिकंन हैं ॥ 

हिरासुल फिकंन हैं ॥१५३॥ 

कलंकं प्रणास हैं ॥ 

समसतुल निवास हैं ॥ 

अगंजुल गनीम हैं ॥ 

रजाइक रहीम हैं ॥१५४॥ 

समसतुल जुबाँ हैं ॥ 

कि साहिब किराँ हैं ॥ 

कि नरकं प्रणास हैं ॥ 

बहिसतुल निवास हैं ॥१५५॥ 

कि सरबुल गवंन हैं ॥ 

हमेसुल रवंन हैं ॥ 

तमामुल तमीज हैं ॥ 

समसतुल अजीज हैं ॥१५६॥ 

परं परम ईस हैं ॥ 

समसतुल अदीस हैं ॥ 

अदेसुल अलेख हैं ॥ 

हमेसुल अभेख हैं ॥१५७॥ 

ज़मीनुल ज़मा हैं ॥ 

अमीकुल इमा हैं ॥ 

करीमुल कमाल हैं ॥ 

कि जुरअति जमाल हैं ॥१५८॥ 

कि अचलं प्रकास हैं ॥ 

कि अमितो सुबास हैं ॥ 

कि अजब सरूप हैं ॥ 

कि अमितो बिभूत हैं ॥१५९॥ 

कि अमितो पसा हैं ॥ 

कि आतम प्रभा हैं ॥ 

कि अचलं अनंग हैं ॥ 

कि अमितो अभंग हैं ॥१६०॥ 


मधुभार छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

मुनि मनि प्रनाम ॥ 

गुनि गन मुदाम ॥ 

अरि बर अगंज ॥ 

हरि नर प्रभंज ॥१६१॥ 

अनगन प्रनाम ॥ 

मुनि मनि सलाम ॥ 

हरि नर अखंड ॥ 

बर नर अमंड ॥१६२॥ 

अनभव अनास ॥ 

मुनि मनि प्रकास ॥ 

गुनि गन प्रनाम ॥ 

जल थल मुदाम ॥१६३॥ 

अनछिज्ज अंग ॥ 

आसन अभंग ॥ 

उपमा अपार ॥ 

गति मिति उदार ॥१६४॥ 

जल थल अमंड ॥ 

दिस विस अभंड ॥ 

जल थल महंत ॥ 

दिस विस बिअंत ॥१६५॥ 

अनभव अनास ॥ 

धृत धर धुरास ॥ 

आजान बाहु ॥ 

एकै सदाहु ॥१६६॥ 

ओअंकार आदि ॥ 

कथनी अनादि ॥ 

खल खंड खिआल ॥ 

गुर बर अकाल ॥१६७॥ 

घर घरि प्रनाम ॥ 

चित चरन नाम ॥ 

अनछिज्ज गात ॥ 

आजिज न बात ॥१६८॥ 

अनझंझ गात ॥ 

अनरंज बात ॥ 

अनटुट भंडार ॥ 

अनठट अपार ॥१६९॥ 

आडीठ धरम ॥ 

अति ढीठ करम ॥ 

अणब्रण अनंत ॥ 

दाता महंत ॥१७०॥ 


हरिबोलमना छंद ॥ त्व प्रसादि ॥ 

करुणालय हैं ॥ 

अरि घालय हैं ॥ 

खल खंडन हैं ॥ 

महि मंडन हैं ॥१७१॥ 

जगतेस्वर हैं ॥ 

परमेस्वर हैं ॥ 

कलि कारण हैं ॥ 

सरब उबारण हैं ॥१७२॥ 

धृत के ध्रण हैं ॥ 

जग के क्रण हैं ॥ 

मन मानिय हैं ॥ 

जग जानिय हैं ॥१७३॥ 

सरबं भर हैं ॥ 

सरबं कर हैं ॥ 

सरब पासिय हैं ॥ 

सरब नासिय हैं ॥१७४॥ 

करुणाकर हैं ॥ 

बिस्वंभर हैं ॥ 

सरबेस्वर हैं ॥ 

जगतेस्वर हैं ॥१७५॥ 

ब्रहमंडस हैं ॥ 

खल खंडस हैं ॥ 

पर ते पर हैं ॥ 

करुणाकर हैं ॥१७६॥ 

अजपा जप हैं ॥ 

अथपा थप हैं ॥ 

अकृता कृत हैं ॥ 

अंमृता मृत हैं ॥१७७॥ 

अमृता मृत हैं ॥ 

करणा कृत हैं ॥ 

अकृता कृत हैं ॥ 

धरणी धृत हैं ॥१७८॥ 

अमितेस्वर हैं ॥ 

परमेस्वर हैं ॥ 

अकृता कृत हैं ॥ 

अमृता मृत हैं॥१७९॥ 

अजबा कृत हैं ॥ 

अमृता अमृत हैं ॥ 

नर नाइक हैं ॥ 

खल घाइक हैं ॥१८०॥ 

बिस्वंभर हैं ॥ 

करुणालय हैं ॥ 

नृप नाइक हैं ॥ 

सरब पाइक हैं ॥१८१॥ 

भव भंजन हैं ॥ 

अरि गंजन हैं ॥ 

रिपु तापन हैं ॥ 

जपु जापन हैं ॥१८२॥ 

अकलं कृत हैं ॥ 

सरबा कृत हैं ॥ 

करता कर हैं ॥ 

हरता हरि हैं ॥१८३॥ 

परमातम हैं ॥ 

सरबातम हैं ॥ 

आतम बस हैं ॥ 

जस के जस हैं ॥१८४॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

नमो सूरज सूरजे नमो चंद्र चंद्रे ॥ 

नमो राज राजे नमो इंद्र इंद्रे ॥ 

नमो अंधकारे नमो तेज तेजे ॥ 

नमो बृंद बृंदे नमो बीज बीजे ॥१८५॥ 

नमो राजसं तामसं साँत रूपे ॥ 

नमो परम तत्तं अतत्तं सरूपे ॥ 

नमो जोग जोगे नमो गिआन गिआने ॥ 

नमो मंत्र मंत्रे नमो धिआन धिआने ॥१८६॥ 

नमो जुध जुधे नमो गिआन गिआने ॥ 

नमो भोज भोजे नमो पान पाने ॥ 

नमो कलह करता नमो साँत रूपे ॥ 

नमो इंद्र इंद्रे अनादं बिभूते ॥१८७॥ 

कलंकार रूपे अलंकार अलंके ॥ 

नमो आस आसे नमो बाँक बंके ॥ 

अभंगी सरूपे अनंगी अनामे ॥ 

तृभंगी तृकाले अनंगी अकामे ॥१८८॥ 


एक अछरी छंद ॥ 

अजै ॥ 

अलै ॥ 

अभै ॥ 

अबै ॥१८९॥ 

अभू ॥ 

अजू ॥ 

अनास ॥ 

अकास ॥१९०॥ 

अगंज ॥ 

अभंज ॥ 

अलक्ख ॥ 

अभक्ख ॥१९१॥ 

अकाल ॥ 

दिआल ॥ 

अलेख ॥ 

अभेख ॥१९२॥ 

अनाम ॥ 

अकाम ॥ 

अगाह ॥ 

अढाह ॥१९३॥ 

अनाथे ॥ 

प्रमाथे ॥ 

अजोनी ॥ 

अमोनी ॥१९४॥ 

न रागे ॥ 

न रंगे ॥ 

न रूपे ॥ 

न रेखे ॥१९५॥ 

अकरमं ॥ 

अभरमं ॥ 

अगंजे ॥ 

अलेखे ॥१९६॥ 


भुजंग प्रयात छंद ॥ 

नमसतुल प्रनामे समसतुल प्रणासे ॥ 

अगंजुल अनामे समसतुल निवासे ॥ 

नृकामं बिभूते समसतुल सरूपे ॥ 

कुकरमं प्रणासी सुधरमं बिभूते ॥१९७॥ 

सदा सच्चिदानंद सत्त्रं प्रणासी ॥ 

करीमुल कुनिंदा समसतुल निवासी ॥ 

अजाइब बिभूते गजाइब गनीमे ॥ 

हरीअं करीअं करीमलु रहीमे ॥१९८॥ 

चत्त्र चक्क्र वरती चत्त्र चक्क्र भुगते ॥ 

सुयंभव सुभं सरबदा सरब जुगते ॥ 

दुकालं प्रणासी दिआलं सरूपे ॥ 

सदा अंग संगे अभंगं बिभूते ॥१९९॥

Jaap sahib

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