Laavan Anand Karaj 

लावां आनंद कारज (Laavan Anand Karaj)

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Laavan Anand Karaj

सूही महला ४ ॥

हरि पहिलड़ी लाव परविरती करम द्रिड़ाइआ बलि राम जीउ ॥ 

बाणी ब्रहमा वेदु धरमु द्रिड़हु पाप तजाइआ बलि राम जीउ ॥ 

धरमु द्रिड़हु हरि नामु धिआवहु सिम्रिति नामु द्रिड़ाइआ ॥ 

सतिगुरु गुरु पूरा आराधहु सभि किलविख पाप गवाइआ ॥ 

सहज अनंदु होआ वडभागी मनि हरि हरि मीठा लाइआ ॥ 

जनु कहै नानकु लाव पहिली आर्मभु काजु रचाइआ ॥१॥


हरि दूजड़ी लाव सतिगुरु पुरखु मिलाइआ बलि राम जीउ ॥ 

निरभउ भै मनु होइ हउमै मैलु गवाइआ बलि राम जीउ ॥ 

निरमलु भउ पाइआ हरि गुण गाइआ हरि वेखै रामु हदूरे ॥ 

हरि आतम रामु पसारिआ सुआमी सरब रहिआ भरपूरे ॥ 

अंतरि बाहरि हरि प्रभु एको मिलि हरि जन मंगल गाए ॥ 

जन नानक दूजी लाव चलाई अनहद सबद वजाए ॥२॥


हरि तीजड़ी लाव मनि चाउ भइआ बैरागीआ बलि राम जीउ ॥ 

संत जना हरि मेलु हरि पाइआ वडभागीआ बलि राम जीउ ॥ 

निरमलु हरि पाइआ हरि गुण गाइआ मुखि बोली हरि बाणी ॥ 

संत जना वडभागी पाइआ हरि कथीऐ अकथ कहाणी ॥ 

हिरदै हरि हरि हरि धुनि उपजी हरि जपीऐ मसतकि भागु जीउ ॥ 

जनु नानकु बोले तीजी लावै हरि उपजै मनि बैरागु जीउ ॥३॥


हरि चउथड़ी लाव मनि सहजु भइआ हरि पाइआ बलि राम जीउ ॥ 

गुरमुखि मिलिआ सुभाइ हरि मनि तनि मीठा लाइआ बलि राम जीउ ॥ 

हरि मीठा लाइआ मेरे प्रभ भाइआ अनदिनु हरि लिव लाई ॥ 

मन चिंदिआ फलु पाइआ सुआमी हरि नामि वजी वाधाई ॥ 

हरि प्रभि ठाकुरि काजु रचाइआ धन हिरदै नामि विगासी ॥ 

जनु नानकु बोले चउथी लावै हरि पाइआ प्रभु अविनासी ॥४॥२॥

Laavan Anand Karaj 

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