Shri Mahalakshmi Ashtakam श्री महालक्ष्म्यष्टकम् इंद्र देव द्वारा माता महालक्ष्मी की भक्तिपूर्ण स्तुति है, जिसे पद्म पुराण मे समायोजित किया गया है। श्री शुभ ॥ श्री लाभ ॥ श्री गणेशाय नमः॥नमस्तेस्तू महामाये श्रीपिठे सूरपुजिते ।शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥१॥ नमस्ते गरूडारूढे कोलासूर भयंकरी ।सर्व पाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तूते ॥२॥ सर्वज्ञे सर्ववरदे सर्वदुष्ट भयंकरी…
Tumhe Vandana Tumhe Vandana तुम्हे वंदना तुम्हें वंदना,हे बुद्धि के दाता,सब वेदों के ज्ञाता,तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥ एक दंत दयावंत,चार भुजा धारी,माथे पे सिंदूर सोहे,मूसे की सवारी,मैया तुम्हे बुलाए,गोरा तुम्हे बुलाए,कह कह के ललना,तुम्हें वंदना तुम्हें वंदना ॥ पान चढ़े फूल चढ़े,और चढ़े मेवा,लड्डअन का भोग लगे,संत करें सेवा,भोले बाबा तुम्हें झुलावे,शंकर बाबा तुम्हें…
Ardaas Bhajan सारी दुनिया से हार केमैं तेरे दर पे आया हूँ ।सुनले ओ खाटू वाले श्याम,तेरे ही भरोसे आया हूँ ।हारे के हो सहारे श्याम….इसलिए मैं अरदास ले के आया हूँ ॥ मेरे श्याम बाबा,कर दो कृपा अब,ये दास तुम्हारे दर पे खड़ा है ।लहरों से डरता ,दिखे ना किनारा ,चारों तरफ़ है,घना अँधियारा…
Pakad Lo Hath Banwari Bhajan पकड़ लो हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे,हमारा कुछ ना बिगड़ेगा,तुम्हारी लाज जाएगी,पकड़ लों हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे ॥ धरी है पाप की गठरी,हमारे सर पे ये भारी,वजन पापो का है भारी,इसे कैसे उठाऐंगे,पकड़ लों हाथ बनवारी,नहीं तो डूब जाएंगे ॥ तुम्हारे ही भरोसे पर,जमाना छोड़ बैठे है,जमाने की तरफ…
Gayatri Jayanti हिंदू पंचांग के अनुसार हर साल ज्येष्ठ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को गायत्री जयंती मनाई जाती है। हिन्दू शास्त्रों में माता गायत्री को वेदों की माता कहा गया है। मां गायत्री के 10 हाथ और 5 मुख हैं। जिनमें से 4 मुख वेदों के प्रतीक हैं और पांचवां मुख सर्वशक्तिमान शक्ति…
देवी धूमावती की अष्टोत्तर शतनामावलीॐ धूमावत्यै नमः ।ॐ धूम्रवर्णायै नमः ।ॐ धूम्रपानपरायणायै नमः ।ॐ धूम्राक्षमथिन्यै नमः ।ॐ धन्यायै नमः ।ॐ धन्यस्थाननिवासिन्यै नमः ।ॐ अघोराचारसन्तुष्टायै नमः ।ॐ अघोराचारमण्डितायै नमः ।ॐ अघोरमन्त्रसम्प्रीतायै नमः ।ॐ अघोरमन्त्रपूजितायै नमः ।10 ॐ अट्टाट्टहासनिरतायै नमः ।ॐ मलिनाम्बरधारिण्यै नमः ।ॐ वृद्धायै नमः ।ॐ विरूपायै नमः ।ॐ विधवायै नमः ।ॐ विद्यायै नमः ।ॐ विरलद्विजायै…
Panch Parmeshthi Aarti इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ पहली आरति श्रीजिनराजा,भव दधि पार उतार जिहाजा ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख लीजे ॥ दूसरी आरति सिद्धन केरी,सुमिरन करत मिटे भव फेरी ।इह विधि मंगल आरति कीजे,पंच परमपद भज सुख…
Namokar Maha Mantra णमोकार मंत्र है न्यारा, इसने लाखों को तारा।इस महा मंत्र का जाप करो, भव जल से मिले किनारा। णमो अरिहंताणं,णमो सिद्धाणं,णमो आयरियाणं,णमो उवज्झायाणं,णमो लोए सव्व साहूणं ।एसोपंचणमोक्कारो, सव्वपावप्पणासणो ।मंगला णं च सव्वेसिं, पडमम हवई मंगलं ।
हिन्दू पंचांग के अनुसार हर वर्ष ज्येष्ठ माह के शुक्ल पक्ष की नवमी को महेश नवमी मनाया जाता है। यह त्यौहार मुख्य रूप से महादेव और देवी पार्वती की पूजा के लिए समर्पित है। महेश नवमी का पारंपरिक मान्यतामहेश नवमी माहेश्वरी समाज का सबसे बड़ा त्योहार है। पारंपरिक मान्यता के अनुसार माहेश्वरी वंश की उत्पत्ति युधिष्ठिर संवत 9 की ज्येष्ठ शुक्ल नवमी को हुई…