परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • महावीर है नाम तुम्हारा: भजन (Mahaveer Hai Naam Tumhara Bhajn)
    महावीर है नाम तुम्हारा: भजन (Mahaveer Hai Naam Tumhara Bhajn)

    Mahaveer Hai Naam Tumhara Bhajn महावीर है नाम तुम्हारा,दिलमें बसा है राम का नारा,सबके चहेते देंह पे लपेटे रहते भगवा रंग,बजरंगबली बजरंगबली बजरंगबली बजरंग ॥. जपते हो तुम राम का माला,राम प्रेम का पिया है प्याला,सिना अपना फाड़ दिखाया रह गयी दुनिया दंग,बजरंगबली बजरंगबली बजरंगबली बजरंग ॥ भक्ति तुम्हारी सबसे निराली,सीयाराम से ताना न्यारी,राम नाम…

  • अरे हट जा पुजारी आगे से भजन -Are Hat Ja Pujari Aage Se bhajn
    अरे हट जा पुजारी आगे से भजन -Are Hat Ja Pujari Aage Se bhajn

    अरे हट जा पुजारी आगे से,बालाजी के दर्शन करवा दे,पट खोल दे पुजारी मंदिर के,बालाजी के दर्शन करवा दे ॥ रोज-रोज मैं बालाजी के जाती,हाथ में चोला सिंदूर लाती,अरे हट जा पुजारी आगे से,बाबाजी के चोला चढ़ावा दे,पट खोल दे पुजारी मंदिर के,बालाजी के दर्शन करवा दे,अरे हट जा पुजारी आगे से,बालाजी के दर्शन करवा…

  • भगवान हनुमान के 1000 नाम (Bhagwan Hanuman 1000 names)
    भगवान हनुमान के 1000 नाम (Bhagwan Hanuman 1000 names)

    Bhagwan Hanuman 1000 names श्री हनुमान के 1000 नाम मंत्र सुंदरकांड पाठ, हनुमान जन्मोत्सव, मंगलवार व्रत, शनिवार पूजा और बूढ़े मंगलवार में प्रमुखता से पाठ किया जाता है। ॐ हनुमते नमः।ॐ श्रीप्रदाय नमः।ॐ वायुपुत्राय नमः।ॐ रुद्राय नमः।ॐ हनुमते नमः।ॐ श्रीप्रदाय नमः।ॐ वायुपुत्राय नमः।ॐ रुद्राय नमः।ॐ अनघाय नमः।ॐ अजराय नमः।ॐ अमृत्यवे नमः।ॐ वीरवीराय नमः।ॐ ग्रामवासाय नमः।ॐ…

  • प्रातः स्मरण – दैनिक उपासना (Pratah Smaran Dainik Upasana)
    प्रातः स्मरण – दैनिक उपासना (Pratah Smaran Dainik Upasana)

    Pratah Smaran Dainik Upasana सम्पूर्ण प्रातः स्मरण, जो कि दैनिक उपासना से उदधृत है, आप सभी इसे अपने जीवन में उतारें एवं अपने अनुजो को भी इससे अवगत कराएं। प्रात: कर-दर्शनम्-कराग्रे वसते लक्ष्मी:, करमध्ये सरस्वती ।कर मूले तु गोविन्द:, प्रभाते करदर्शनम ॥१॥ पृथ्वी क्षमा प्रार्थना-समुद्रवसने देवि ! पर्वतस्तनमंड्ले ।विष्णुपत्नि! नमस्तुभ्यं पाद्स्पर्श्म क्षमस्वे ॥२॥ त्रिदेवों के साथ नवग्रह स्मरण-ब्रह्मा…

  • विलक्कु पूजा – Vilakku Pooja
    विलक्कु पूजा – Vilakku Pooja

    Vilakku Pooja विलक्कु पूजा, भाग्य और समृद्धि की देवी महालक्ष्मी का प्रतीक है। एक समय में बड़ी संख्या में महिलाओं द्वारा सामूहिक रूप से महालक्ष्मी की पूजा दीप जलाकर किया जाता है। ऐसा कहा जाता है कि इससे घर में सुख-समृद्धि आती है और दुनिया में शांति आती है। थिरु विलक्कु पूजा, ज्यादातर शुक्रवार को या तो सुबह…

  • श्री सरस्वती अष्टकम् (Shri Saraswati Ashtakam)
    श्री सरस्वती अष्टकम् (Shri Saraswati Ashtakam)

    Shri Saraswati Ashtakam ॥ शतानीक उवाच ॥महामते महाप्राज्ञसर्वशास्त्रविशारद।अक्षीणकर्मबन्धस्तुपुरुषो द्विजसत्तम॥1॥ मरणे यज्जोपेज्जाप्यंयं च भावमनुस्मरन्।परं पदमवाप्नोतितन्मे ब्रूहि महामुने॥2॥ ॥ शौनक उवाच ॥इदमेव महाराजपृष्टवांस्ते पितामहः।भीष्मं धर्मविदां श्रेष्ठंधर्मपुत्रो युधिष्ठिरः॥3॥ ॥ युधिष्ठिर उवाच ॥पितामह महाप्राज्ञसर्वशास्त्रविशारदः।बृहस्पतिस्तुता देवीवागीशेन महात्मना।आत्मायं दर्शयामासंसूर्य कोटिसमप्रभम्॥4॥ ॥ सरस्वत्युवाच ॥वरं वृणीष्व भद्रंते यत्ते मनसि विद्यते। ॥ बृहस्पतिरूवाच ॥यदि मे वरदा देविदिव्यज्ञानं प्रयच्छ नः॥5॥ ॥ देव्युवाच ॥हन्त ते निर्मलज्ञानंकुमतिध्वंसकारणम्।स्तोत्रणानेन…

  • देवशयनी एकादशी – Devshayani Ekadashi
    देवशयनी एकादशी – Devshayani Ekadashi

    Devshayani Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…

  • गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)
    गौ माता के 108 नाम (Gau Mata Ke 108 Naam)

    Gau Mata Ke 108 Naam श्री गौ अष्टोत्तर नामावलि – गौ माता के 108 नामॐ कपिला नमः ।ॐ गौतमी नमः ।ॐ सुरभी नमः ।ॐ गौमती नमः ।ॐ नंदनी नमः ।ॐ श्यामा नमः ।ॐ वैष्णवी नमः ।ॐ मंगला नमः ।ॐ सर्वदेव वासिनी नमः ।ॐ महादेवी नमः ॥10 ॐ सिंधु अवतरणी नमः ।ॐ सरस्वती नमः ।ॐ त्रिवेणी नमः…

  • तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)
    तत्त्वमसि महावाक्य (Tatwamasi)

    Tatwamasi तत्त्वमसि (तत् त्वम् असि) भारत के शास्त्रों व उपनिषदों में वर्णित महावाक्यों में से एक है, जिसका शाब्दिक अर्थ है, वह तुम ही हो। वह दूर नहीं है, बहुत पास है, पास से भी ज्यादा पास है। तेरा होना ही वही है। सृष्टि के जन्म से पूर्व, द्वैत के अस्तित्त्व से रहित, नाम और रूप से…