ॐ जय परशुधारी,स्वामी जय परशुधारी ।सुर नर मुनिजन सेवत,श्रीपति अवतारी ॥ॐ जय परशुधारी..॥ जमदग्नी सुत नर-सिंह,मां रेणुका जाया ।मार्तण्ड भृगु वंशज,त्रिभुवन यश छाया ॥ॐ जय परशुधारी..॥ कांधे सूत्र जनेऊ,गल रुद्राक्ष माला ।चरण खड़ाऊँ शोभे,तिलक त्रिपुण्ड भाला ॥ॐ जय परशुधारी..॥ ताम्र श्याम घन केशा,शीश जटा बांधी।सुजन हेतु ऋतु मधुमय,दुष्ट दलन आंधी ॥ॐ जय परशुधारी..॥ मुख रवि…
Matangi Jayanti देवी मातंगी जयंती बैसाख मास की शुक्ल पक्ष तृतीया को मनाई जाती है। भक्त देवी मातंगी की पूजा और धार्मिक समारोह करते हैं। महत्वपूर्ण दश महाविद्याओं में नौवीं के रूप में मानी जाने वाली देवी मातंगी को ‘तांत्रिक सरस्वती’ के नाम से भी जाना जाता है। हिंदू कैलेंडर के अनुसार मातंगी जयंती आशा तृतीया को…
Ganapathy Atharvaseersham Mantar गणपति अथर्वशीर्ष – ॐ नमस्ते गणपतये ॐ भद्रं कर्णेभिः शृणुयाम देवाः ।भद्रं पश्येमाक्षभिर्यजत्राः ।स्थिरैरङ्गैस्तुष्टुवाग्ँसस्तनूभिः ।व्यशेम देवहितं यदायूः । स्वस्ति न इन्द्रो वृद्धश्रवाः ।स्वस्ति नः पूषा विश्ववेदाः ।स्वस्ति नस्तार्क्ष्यो अरिष्टनेमिः ।स्वस्ति नो बृहस्पतिर्दधातु ॥ॐ शान्तिः शान्तिः शान्तिः ॥ॐ नमस्ते गणपतये ॥१॥ त्वमेव प्रत्यक्षं तत्त्वमसि ।त्वमेव केवलं कर्ताऽसि ।त्वमेव केवलं धर्ताऽसि ।त्वमेव केवलं हर्ताऽसि…
Bhadra भद्रा, हिंदू धर्म के अनुसार भद्रा काल को अशुभ समय माना जाता है। पंचांग के अनुसार भद्रा काल एक विशेष अवधि है जिसे अशुभ समय माना जाता है। इस दौरान किसी भी शुभ कार्य या समारोह को करने से बचने की सलाह दी जाती है। हर त्यौहार पर भद्रा काल का विशेष महत्व है।…
Mere Prabhu Ram Aye Hain राम लक्ष्मण जानकी,जय बोलो हनुमानराम लक्ष्मण जानकी,जय बोलो हनुमानसिया वर रामचंद्र की जयप्रभु रामचंद्र की जय अवध मे होरही जय जयकारमेरे प्रभु राम आये हैंअवध मे हो रही जय जयकारमेरे प्रभु राम आये हैं संग सिया लक्ष्मण को लेकरअंजनी पुत्र भी आये हैं अवध मे होरही जय जयकारमेरे प्रभु राम…
Dandraua Hanuman Chalisa जय -जय -जय हनुमान कृपाला,करो सदा संतन प्रतिपाला ॥ मंगल ,शनि को जो कोई जावै,चोला तुम्हरे अंग चढ़ावै ॥ रीझो तुम जो अधिक सदाई,मन इच्छा पूरण हो जय ॥ भक्तन हित कलयुग के राजा,राम प्रताप तिलक तुम राजा ॥ राम भक्ति अग्रणी हमेशा,सुमिरत तुमको मिटै कलेशा ॥ राम सदा वश में कर…
Kon Lanka Jala Pata Bhajan दोहा देख के सागर की लहरों को,वानर सब घबराये ।कैसे होगा पार ये सागर, मन ही मन सकुचाये ॥जामवंत ने बजरंगी से जाकर करी गुहारसिवा तुम्हारे कौन ये सागर कर पायेगा पार कौन लंका जला पाता,अगर हनुमान न होते ।पता न सीता का लग पाता अगर हनुमान न होते ॥…
Shri Yamunashtakam नमामि यमुनामहं सकल सिद्धि हेतुं मुदामुरारि पद पंकज स्फ़ुरदमन्द रेणुत्कटाम । तटस्थ नव कानन प्रकटमोद पुष्पाम्बुनासुरासुरसुपूजित स्मरपितुः श्रियं बिभ्रतीम ॥१॥ कलिन्द गिरि मस्तके पतदमन्दपूरोज्ज्वलाविलासगमनोल्लसत्प्रकटगण्ड्शैलोन्न्ता । सघोषगति दन्तुरा समधिरूढदोलोत्तमामुकुन्दरतिवर्द्धिनी जयति पद्मबन्धोः सुता ॥२॥ भुवं भुवनपावनीमधिगतामनेकस्वनैःप्रियाभिरिव सेवितां शुकमयूरहंसादिभिः । तरंगभुजकंकण प्रकटमुक्तिकावाकुका-नितन्बतटसुन्दरीं नमत कृष्ण्तुर्यप्रियाम ॥३॥ अनन्तगुण भूषिते शिवविरंचिदेवस्तुतेघनाघननिभे सदा ध्रुवपराशराभीष्टदे । विशुद्ध मथुरातटे सकलगोपगोपीवृतेकृपाजलधिसंश्रिते मम मनः…
Raghupati Raghav Raja Ram Bhajan रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥ सुंदर विग्रह मेघश्यामगंगा तुलसी शालग्राम ॥ रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥ भद्रगिरीश्वर सीतारामभगत-जनप्रिय सीताराम ॥ रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥ जानकीरमणा सीतारामजयजय राघव सीताराम ॥ रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥ रघुपति राघव राजारामपतित पावन सीताराम ॥ – श्री लक्ष्माचर्या