Sanwer ki Dharti Bhajan

सांवेर की धरती  – Sanwer ki Dharti Bhajan

Spread the love

Sanwer ki Dharti Bhajan

Sanwer ki Dharti Bhajan

सांवेर की धरती
सांवेर की धरती हनुमत साजे, चले है इनकी मर्जी
सांवेर की धरती

पाताल में जाकर जब बजरंग, अहिरावन राज मिटाते है
दिल बाग़ बाग़ हो जाता है, जब राम हृदय मुस्काते है
सुन के पतन की आवाजे, सुन के पतन की आवाजे,
यु लगे कही विध्वंस जगे
अरे राम लखन संग आते ही, सेना के मन संग हर्ष जगे ॥

बजरंग बाबा की यह प्रतिमा, यहाँ उल्टा दर्शन देती है
गम कोसो दूर हो जाता है. कष्ट और पीड़ा हर लेती है, ओ….
सुन जयसियाराम के नारों से, सुन जयसियाराम के नारों से
नगर, गगन, पूरा जगे
सांवेर नगर की यह भूमि, इंदौर उज्जैन के मध्य बसे

सांवेर की धरती


Comments

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *