Tag: हिंदी आरती

  • श्री गंगा माता की आरती

    श्री गंगा माता की आरती

    Ganga mata ki aarti ऊँ जय गंगे माता, श्री गंगे माता ।जो नर तुमको ध्याता, मनवंछित फल पाता।। ऊँ जय गंगे माता… चन्द्र सी ज्योत तुम्हारी जल निर्मल आता।शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ।। ऊँ जय गंगे माता… पुत्र सगर के तारे सब जग को ज्ञाता ।कृपा दृष्टि तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता।। ऊँ जय गंगे…

  • शनिदेव की आरती

    शनिदेव की आरती

    Shanidev ji ki aarti जय जय जय श्री शनि देव भक्तन हितकारी।सूरज के पुत्र प्रभु छाया महतारी। जय जय जय शनि देव… श्याम अंक वक्र-दृष्टि चतुर्भुजाधारी।नीलाम्बर धार नाथ गज की असवारी।। जय जय जय शनि देव… किरीट मुकुट शीश सहज दीपत है लिलारी।मुक्तन की माल गले शोभित बलिहारी।। जय जय जय शनि देव… मोदक और मिष्ठान चढ़े, चढ़ती…

  • दुर्गे माता की आरती

    दुर्गे माता की आरती

    Durga Mata aarti  अम्बे तू है जगदम्बे काली जय दुर्गे खप्पर वाली।तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारे तेरी आरती ॥ तेरे भक्त जनों पर माता, भीड़ पड़ी है भारी।दानव दल पर टूट पड़ों माँ करके सिंह सवारी। सौ-सौ सिंहो से बलशाली, अष्ट भुजाओं वाली,दुष्टो को पल में संहारती। ओ मैया हम…

  • आरती जय अम्बे गौरी

    आरती जय अम्बे गौरी

    Jai Ambey Gori Aarti जय अम्बे गौरी मैया जय श्यामा गौरी ।तुमको निशदिन ध्यावत, हरि ब्रह्मा शिवरी ॥ मांग सिंदूर विराजत टीको मृगमद को ।उज्ज्वल से दोउ नैना, चंद्रवदन नीको ॥ जय.. कनक समान कलेवर रक्ताम्बर राजै।रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर साजै ॥ जय… केहरि वाहन राजत, खड्ग खप्पर धारी ।सुर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी ॥…

  • शिव चालीसा

    शिव चालीसा

    Shiv chalisa दोहा जय गणेश गिरिजा सुवन,मंगल मूल सुजान।कहत अयोध्यादास तुम,देहु अभय वरदान ॥ चौपाई जय गिरिजा पति दीन दयाला ।सदा करत सन्तन प्रतिपाला ॥भाल चन्द्रमा सोहत नीके ।कानन कुण्डल नागफनी के ॥अंग गौर शिर गंग बहाये ।मुण्डमाल तन क्षार लगाए ॥वस्त्र खाल बाघम्बर सोहे ।छवि को देखि नाग मन मोहे ॥मैना मातु की हवे…

  • श्री हनुमान जी की आरती

    श्री हनुमान जी की आरती

    Hanuman Ji ki aarti आरती कीजै हनुमान लला की। दुष्ट दलन रघुनाथ कला की।। जाके बल से गिरिवर कांपे। रोग दोष जाके निकट न झांके।। अंजनि पुत्र महाबलदायी। संतान के प्रभु सदा सहाई।। दे बीरा रघुनाथ पठाए। लंका जारी सिया सुध लाए।। लंका सो कोट समुद्र सी खाई। जात पवनसुत बार न लाई।। लंका जारी…

  • गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)

    गणेश जी की आरती (Ganesh ji ki aarti)

    Ganesh Ji ki aarti जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ एकदन्त दयावन्त, चारभुजा धारी।माथे पर तिलक सोहे, मूसे की सवारी॥ पान चढ़े, फूल चढ़े, और चढ़े मेवा।लड्डुअन को भोग लगे, संकट से निकट जवा॥ जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा।माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा॥ अंधे को आँख देत, कोढ़ियों…