परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • पाण्डव निर्जला एकादशी व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Katha)
    पाण्डव निर्जला एकादशी व्रत कथा (Nirjala Ekadashi Vrat Katha)

    Nirjala Ekadashi Vrat Katha निर्जला एकादशी का महत्त्व:एकादशी व्रत हिन्दुओ में सबसे अधिक प्रचलित व्रत माना जाता है। वर्ष में चौबीस एकादशियाँ आती हैं, किन्तु इन सब एकादशियों में ज्येष्ठ शुक्ल एकादशी सबसे बढ़कर फल देने वाली समझी जाती है क्योंकि इस एक एकादशी का व्रत रखने से वर्ष भर की एकादशियों के व्रत का फल प्राप्त…

  • निर्जला एकादशी – Nirjala Ekadashi
    निर्जला एकादशी – Nirjala Ekadashi

    Nirjala Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी हो…

  • गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)
    गजेंद्र मोक्ष स्तोत्र – श्री विष्णु (Gajendra Moksham Stotram)

    Gajendra Moksham Stotram श्री शुक उवाच –एवं व्यवसितो बुद्ध्या समाधाय मनो हृदि ।जजाप परमं जाप्यं प्राग्जन्मन्यनुशिक्षितम ॥१॥ गजेन्द्र उवाच –ऊं नमो भगवते तस्मै यत एतच्चिदात्मकम ।पुरुषायादिबीजाय परेशायाभिधीमहि ॥२॥ यस्मिन्निदं यतश्चेदं येनेदं य इदं स्वयं ।योस्मात्परस्माच्च परस्तं प्रपद्ये स्वयम्भुवम ॥३॥ यः स्वात्मनीदं निजमाययार्पितंक्वचिद्विभातं क्व च तत्तिरोहितम ।अविद्धदृक साक्ष्युभयं तदीक्षतेस आत्म मूलोsवत् मां परात्परः ॥४॥ कालेन पंचत्वमितेषु कृत्स्नशोलोकेषु पालेषु…

  • भैरवी वंदना (Bhairavi Vandana)
    भैरवी वंदना (Bhairavi Vandana)

    Bhairavi Vandana शिवा दुति स्वरूपेण हत दैत्य महाबले,घोरा रुपे महा रावे भैरवी नमोस्तुते । लक्ष्मी लज्जे महा विद्ये श्रद्धे पुष्टि स्वधे ध्रुवे,महा रात्रि महा विद्ये भैरवी नमोस्तुते । मेधे विद्या वरे भूति बभ्रवी महा काली,नियति तवं प्रसि देशे भैरवी नमोस्तुते । सर्व स्वरूपे सर्व शक्ति समन्विते,भये भ्या स्त्राही नो भैरवी नमोस्तुते । एतते मुखम सौम्यं…

  • आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)
    आषाढ़ संकष्टी गणेश चतुर्थी व्रत कथा (Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha)

    Ashadha Sankashti Ganesh Chaturthi Vrat Katha पार्वती जी ने पूछा कि हे पुत्र ! आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी को गणेश की पूजा कैसे करनी चाहिए? आषाढ़ मास के गणपति देवता का क्या नाम है? उनके पूजन आदि का क्या विधान है, सो आप मुझसे कहिए? गणेश जी ने कहा आषाढ़ कृष्ण चतुर्थी के दिन कृष्णपिङ्गल नामक गणेश की पूजा करनी…

  • भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)
    भौम प्रदोष व्रत कथा (Bhaum Pradosh Vrat Katha)

    Bhaum Pradosh Vrat Katha एक समय की बात है। एक नगर में एक वृद्धा रहती थी। उसका एक ही पुत्र था। वृद्धा की हनुमानजी पर गहरी आस्था थी। वह प्रत्येक मंगलवार को नियमपूर्वक व्रत रखकर हनुमानजी की आराधना करती थी। एक बार हनुमानजी ने अपनी भक्तिनी उस वृद्ध महिला की श्रद्धा का परीक्षण करने का…

  • द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् (Dwadash Jyotirlinga Stotram)
    द्वादश ज्योतिर्लिङ्ग स्तोत्रम् (Dwadash Jyotirlinga Stotram)

    Dwadash Jyotirlinga Stotram सौराष्ट्रदेशे विशदेऽतिरम्ये ज्योतिर्मयं चन्द्रकलावतंसम् ।भक्तिप्रदानाय कृपावतीर्णं तं सोमनाथं शरणं प्रपद्ये ॥1 श्रीशैलशृङ्गे विबुधातिसङ्गे तुलाद्रितुङ्गेऽपि मुदा वसन्तम् ।तमर्जुनं मल्लिकपूर्वमेकं नमामि संसारसमुद्रसेतुम् ॥2 अवन्तिकायां विहितावतारं मुक्तिप्रदानाय च सज्जनानाम् ।अकालमृत्योः परिरक्षणार्थं वन्दे महाकालमहासुरेशम् ॥3 कावेरिकानर्मदयोः पवित्रे समागमे सज्जनतारणाय ।सदैवमान्धातृपुरे वसन्तमोङ्कारमीशं शिवमेकमीडे ॥4 पूर्वोत्तरे प्रज्वलिकानिधाने सदा वसन्तं गिरिजासमेतम् ।सुरासुराराधितपादपद्मं श्रीवैद्यनाथं तमहं नमामि ॥5 याम्ये सदङ्गे नगरेऽतिरम्ये…

  • श्री उमा महेश्वर स्तोत्रं (Shri Uma Maheswara Stotram)
    श्री उमा महेश्वर स्तोत्रं (Shri Uma Maheswara Stotram)

    Shri Uma Maheswara Stotram ॥ श्रीगणेशाय नमः ॥नमः शिवाभ्यां नवयौवनाभ्यांपरस्पराश्लिष्टवपुर्धराभ्याम् ।नगेन्द्रकन्यावृषकेतनाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 1 ॥ नमः शिवाभ्यां सरसोत्सवाभ्यांनमस्कृताभीष्टवरप्रदाभ्याम् ।नारायणेनार्चितपादुकाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 2 ॥ नमः शिवाभ्यां वृषवाहनाभ्यांविरिञ्चिविष्ण्विन्द्रसुपूजिताभ्याम् ।विभूतिपाटीरविलेपनाभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 3 ॥ नमः शिवाभ्यां जगदीश्वराभ्यांजगत्पतिभ्यां जयविग्रहाभ्याम् ।जम्भारिमुख्यैरभिवन्दिताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 4 ॥ नमः शिवाभ्यां परमौषधाभ्यांपञ्चाक्षरीपञ्जररञ्जिताभ्याम् ।प्रपञ्चसृष्टिस्थितिसंहृताभ्यांनमो नमः शङ्करपार्वतीभ्याम् ॥ 5 ॥ नमः शिवाभ्यामतिसुन्दराभ्यांअत्यन्तमासक्तहृदम्बुजाभ्याम्…

  • सीता कल्याण वैभोगमे (Seetha Kalyana Vaibhogame)