Gopeshwar Mahadev Leela Katha एक बार शरद पूर्णिमा की शरत-उज्ज्वल चाँदनी में वंशीवट यमुना के किनारे श्याम सुंदर साक्षात मन्मथनाथ की वंशी बज उठी। श्रीकृष्ण ने छ: मास की एक रात्रि करके मन्मथ का मानमर्दन करने के लिए महारास किया था। जब महारास की गूंज सारी त्रिलोकी में गई तो हमारे भोले बाबा के कानों…
Amalaki Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर बोले: हे जनार्दन! आपने फाल्गुन के कृष्ण पक्ष की विजया एकादशी का सुंदर वर्णन करते हुए सुनाया। अब आप फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि क्या है? कृपा करके आप मुझे बताइए। श्री भगवान बोले: हे राजन्, फाल्गुन मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी का नाम आमलकी एकादशी है। इस व्रत के करने से…
Haridra Ganesh Kavach ॥ अथ हरिद्रा गणेश कवच ॥ईश्वरउवाच:शृणु वक्ष्यामि कवचं सर्वसिद्धिकरं प्रिये ।पठित्वा पाठयित्वा च मुच्यते सर्व संकटात् ॥१॥ अज्ञात्वा कवचं देवि गणेशस्य मनुं जपेत् ।सिद्धिर्नजायते तस्य कल्पकोटिशतैरपि ॥ २॥ ॐ आमोदश्च शिरः पातु प्रमोदश्च शिखोपरि ।सम्मोदो भ्रूयुगे पातु भ्रूमध्ये च गणाधिपः ॥ ३॥ गणाक्रीडो नेत्रयुगं नासायां गणनायकः ।गणक्रीडान्वितः पातु वदने सर्वसिद्धये ॥ ४॥…
Buddham Saranam Gachami बुद्धं शरणं गच्छामि।धर्मं शरणं गच्छामि।संघं शरणं गच्छामि। Buddham Saranam Gachami (बुद्धं शरणं गच्छामि) Buddham Saranam Gacchami।Dhammam Saranam Gacchami।Sangham Saranam Gacchami।
Raag Mala ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ राग माला ॥ राग एक संगि पंच बरंगन ॥ संगि अलापहि आठउ नंदन ॥ प्रथम राग भैरउ वै करही ॥ पंच रागनी संगि उचरही ॥ प्रथम भैरवी बिलावली ॥ पुंनिआकी गावहि बंगली ॥ पुनि असलेखी की भई बारी ॥ ए भैरउ की पाचउ नारी ॥ पंचम हरख दिसाख सुनावहि…
Siddh Gosht रामकली महला १ सिध गोसटि ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सिध सभा करि आसणि बैठे संत सभा जैकारो ॥ तिसु आगै रहरासि हमारी साचा अपर अपारो ॥ मसतकु काटि धरी तिसु आगै तनु मनु आगै देउ ॥ नानक संतु मिलै सचु पाईऐ सहज भाइ जसु लेउ ॥१॥ किआ भवीऐ सचि सूचा होइ ॥ साच…
सो दरु रागु आसा महला १ ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ सो दरु तेरा केहा सो घरु केहा जितु बहि सरब समाले ॥ वाजे तेरे नाद अनेक असंखा केते तेरे वावणहारे ॥ केते तेरे राग परी सिउ कहीअहि केते तेरे गावणहारे ॥ गावनि तुधनो पवणु पाणी बैसंतरु गावै राजा धरमु दुआरे ॥ गावनि तुधनो चितु गुपतु…
रामकली महला १ दखणी ओअंकारु ੴ सतिगुर प्रसादि ॥ ओअंकारि ब्रहमा उतपति ॥ ओअंकारु कीआ जिनि चिति ॥ ओअंकारि सैल जुग भए ॥ ओअंकारि बेद निरमए ॥ ओअंकारि सबदि उधरे ॥ ओअंकारि गुरमुखि तरे ॥ ओनम अखर सुणहु बीचारु ॥ ओनम अखरु त्रिभवण सारु ॥१॥ सुणि पाडे किआ लिखहु जंजाला ॥ लिखु राम नाम गुरमुखि…
Kamada Ekadashi Vrat Katha धर्मराज युधिष्ठिर कहने लगे: हे भगवन्! मैं आपको कोटि-कोटि नमन करता हूँ। आपने चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की एकादशी अर्थात पापमोचनी एकादशी के बारे मे विस्तार पूर्वक बतलाया। अब आप कृपा करके चैत्र शुक्ल एकादशी का क्या नाम है? तथा उसकी विधि एवं महात्म्य क्या है? भगवान श्रीकृष्ण ने कहा: हे धर्मराज! चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की…