Bhairav chalisa ॥ दोहा ॥श्री गणपति गुरु गौरी पदप्रेम सहित धरि माथ ।चालीसा वंदन करोश्री शिव भैरवनाथ ॥ श्री भैरव संकट हरणमंगल करण कृपाल ।श्याम वरण विकराल वपुलोचन लाल विशाल ॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्री काली के लाला ।जयति जयति काशी-कुतवाला ॥ जयति बटुक-भैरव भय हारी ।जयति काल-भैरव बलकारी ॥ जयति नाथ-भैरव विख्याता ।जयति…
॥ दोहा ॥ श्री विश्वकर्म प्रभु वन्दऊं,चरणकमल धरिध्यान ।श्री, शुभ, बल अरु शिल्पगुण,दीजै दया निधान ॥॥ चौपाई ॥जय श्री विश्वकर्म भगवाना ।जय विश्वेश्वर कृपा निधाना ॥ शिल्पाचार्य परम उपकारी ।भुवना-पुत्र नाम छविकारी ॥ अष्टमबसु प्रभास-सुत नागर ।शिल्पज्ञान जग कियउ उजागर ॥ अद्भुत सकल सृष्टि के कर्ता ।सत्य ज्ञान श्रुति जग हित धर्ता ॥ ४ ॥…
॥ दोहा ॥जैसे अटल हिमालय,और जैसे अडिग सुमेर ।ऐसे ही स्वर्ग द्वार पे,अविचल खडे कुबेर ॥ विघ्न हरण मंगल करण,सुनो शरणागत की टेर ।भक्त हेतु वितरण करो,धन माया के ढेर ॥ ॥ चौपाई ॥जै जै जै श्री कुबेर भण्डारी ।धन माया के तुम अधिकारी ॥ तप तेज पुंज निर्भय भय हारी ।पवन वेग सम सम…
Vakratunda Mahakaya Ganesh Shlok वक्रतुण्ड महाकायसूर्यकोटि समप्रभ ।निर्विघ्नं कुरु मे देवसर्वकार्येषु सर्वदा ॥
॥दोहा॥श्री रामचन्द्र कृपालु भजुमनहरण भवभय दारुणं ।नव कंज लोचन कंज मुखकर कंज पद कंजारुणं ॥१॥ कन्दर्प अगणित अमित छविनव नील नीरद सुन्दरं । पटपीत मानहुँ तडित रुचि शुचिनोमि जनक सुतावरं ॥२॥ भजु दीनबन्धु दिनेश दानवदैत्य वंश निकन्दनं ।रघुनन्द आनन्द कन्द कोशलचन्द दशरथ नन्दनं ॥३॥ शिर मुकुट कुंडल तिलकचारु उदारु अङ्ग विभूषणं ।आजानु भुज शर चाप धरसंग्राम जित खरदूषणं…
॥ दोहा ॥जय जय सीताराम के मध्यवासिनी अम्ब,देहु दर्श जगदम्ब अब करहु न मातु विलम्ब ॥जय तारा जय कालिका जय दश विद्या वृन्द,काली चालीसा रचत एक सिद्धि कवि हिन्द ॥प्रातः काल उठ जो पढ़े दुपहरिया या शाम,दुःख दरिद्रता दूर हों सिद्धि होय सब काम ॥॥ चौपाई ॥जय काली कंकाल मालिनी,जय मंगला महाकपालिनी ॥ रक्तबीज वधकारिणी…
Japji sahib ੴ सतिनामु करता पुरखु निरभउ निरवैरु अकाल मूरति अजूनी सैभं गुरप्रसादि ॥ ॥ जपु ॥ आदि सचु जुगादि सचु ॥है भी सचु नानक होसी भी सचु ॥१॥ सोचै सोचि न होवई जे सोची लख वार ॥चुपै चुप न होवई जे लाइ रहा लिव तार ॥भुखिआ भुख न उतरी जे बंना पुरीआ भार ॥सहस…
देवि पूजित, नर्मदा,महिमा बड़ी अपार ।चालीसा वर्णन करत,कवि अरु भक्त उदार॥इनकी सेवा से सदा,मिटते पाप महान ।तट पर कर जप दान नर,पाते हैं नित ज्ञान ॥ ॥ चौपाई ॥जय-जय-जय नर्मदा भवानी,तुम्हरी महिमा सब जग जानी । अमरकण्ठ से निकली माता,सर्व सिद्धि नव निधि की दाता । कन्या रूप सकल गुण खानी,जब प्रकटीं नर्मदा भवानी ।…
Shri balaji ki aarti ॐ जय हनुमत वीरा,स्वामी जय हनुमत वीरा ।संकट मोचन स्वामी,तुम हो रनधीरा ॥॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥ पवन पुत्र अंजनी सूत,महिमा अति भारी ।दुःख दरिद्र मिटाओ,संकट सब हारी ॥॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥ बाल समय में तुमने,रवि को भक्ष लियो ।देवन स्तुति किन्ही,तुरतहिं छोड़ दियो ॥॥ ॐ जय हनुमत वीरा..॥ कपि…