बाल समय रवि भक्षी लियो तब,तीनहुं लोक भयो अंधियारों ।ताहि सों त्रास भयो जग को,यह संकट काहु सों जात न टारो । देवन आनि करी बिनती तब,छाड़ी दियो रवि कष्ट निवारो ।को नहीं जानत है जग में कपि,संकटमोचन नाम तिहारो ॥ १ ॥ बालि की त्रास कपीस बसैं गिरि,जात महाप्रभु पंथ निहारो । चौंकि महामुनि साप दियो…
Mehandipur balaji chalisa श्री गुरु चरण चितलाय के धरें ध्यान हनुमान ।बालाजी चालीसा लिखे “ओम” स्नेही कल्याण ।।विश्व विदित वर दानी संकट हरण हनुमान ।मेंहदीपुर में प्रगट भये बालाजी भगवान ।। जय हनुमान बालाजी देवा । प्रगट भये यहां तीनों देवा ।।प्रेतराज भैरव बलवाना । कोलवाल कप्तानी हनुमाना ।।मेंहदीपुर अवतार लिया है । भक्तों का…
Brihaspatidev Vrat Katha भारतवर्ष में एक प्रतापी और दानी राजा राज्य करता था। वह नित्य गरीबों और ब्राह्मणों की सहायता करता था। यह बात उसकी रानी को अच्छी नहीं लगती थी, वह न ही गरीबों को दान देती, न ही भगवान का पूजन करती थी और राजा को भी दान देने से मना किया करती…
Budhwar vart katha समतापुर नगर में मधुसूदन नामक एक व्यक्ति रहता था। वह बहुत धनवान था। मधुसूदन का विवाह बलरामपुर नगर की सुंदर लड़की संगीता से हुआ था। एक बार मधुसूदन अपनी पत्नी को लेने बुधवार के दिन बलरामपुर गया ।मधुसूदन ने पत्नी के माता-पिता से संगीता को विदा कराने के लिए कहा। माता-पिता बोले-…
Mangalwar varat katha एक समय की बात है एक ब्राह्मण दंपत्ति की कोई संतान नहीं थी, जिस कारण वह बेहद दुःखी थे। एक समय ब्राह्मण वन में हनुमान जी की पूजा के लिए गया। वहाँ उसने पूजा के साथ महावीर जी से एक पुत्र की कामना की।घर पर उसकी स्त्री भी पुत्र की प्राप्ति के…
Ram ji ki aarti श्री राम चंद्र कृपालु भजमन हरण भाव भय दारुणम्।नवकंज लोचन कंज मुखकर, कंज पद कन्जारुणम्।। कंदर्प अगणित अमित छवी नव नील नीरज सुन्दरम्।पट्पीत मानहु तडित रूचि शुचि नौमी जनक सुतावरम्।।भजु दीन बंधु दिनेश दानव दैत्य वंश निकंदनम्।रघुनंद आनंद कंद कौशल चंद दशरथ नन्दनम्।।सिर मुकुट कुण्डल तिलक चारु उदारू अंग विभूषणं।आजानु भुज शर…
Ram chalisa आदौ राम तपोवनादि गमनं हत्वाह् मृगा काञ्चनंवैदेही हरणं जटायु मरणं सुग्रीव संभाषणंबाली निर्दलं समुद्र तरणं लङ्कापुरी दाहनम्पश्चद्रावनं कुम्भकर्णं हननं एतद्धि रामायणं श्री रघुबीर भक्त हितकारी ।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी ॥ निशि दिन ध्यान धरै जो कोई ।ता सम भक्त और नहिं होई ॥ ध्यान धरे शिवजी मन माहीं ।ब्रह्मा इन्द्र पार नहिं…
Shanidev chalisa जय-जय श्री शनिदेव प्रभु, सुनहु विनय महराज।करहुं कृपा हे रवि तनय, राखहु जन की लाज।।जयति-जयति शनिदेव दयाला।करत सदा भक्तन प्रतिपाला।।चारि भुजा तन श्याम विराजै।माथे रतन मुकुट छवि छाजै।।परम विशाल मनोहर भाला।टेढ़ी दृष्टि भृकुटि विकराला।।कुण्डल श्रवण चमाचम चमकै।हिये माल मुक्तन मणि दमकै।।कर में गदा त्रिशूल कुठारा।पल विच करैं अरिहिं संहारा।।पिंगल कृष्णो छाया नन्दन।यम कोणस्थ…
Shree Shyam aarti ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे ।खाटू धाम विराजत,अनुपम रूप धरे॥ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे ।रतन जड़ित सिंहासन,सिर पर चंवर ढुरे ।तन केसरिया बागो,कुण्डल श्रवण पड़े ॥ॐ जय श्री श्याम हरे,बाबा जय श्री श्याम हरे । गल पुष्पों की माला,सिर पार मुकुट धरे ।खेवत धूप…