परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • बजरंग बाण
    बजरंग बाण

    Bajrang baan निश्चय प्रेम प्रतीति ते,बिनय करै सनमान। तेहि के कारज सकल शुभ,सिद्ध करै हनुमान॥ जय हनुमन्त सन्त हितकारी।सुनि लीजै प्रभु अरज हमारी॥ जन के काज विलम्ब न कीजै।आतुर दौरि महा सुख दीजै॥ जैसे कूदि सिन्धु वहि पारा।सुरसा बदन पैठि बिस्तारा॥ आगे जाय लंकिनी रोका।मारेहु लात गई सुर लोका॥ जाय विभीषण को सुख दीन्हा।सीता निरखि…

  • सोमवार व्रत की कथा
    सोमवार व्रत की कथा

    Somwar varat ki katha किसी नगर में एक धनी व्यापारी रहता था। दूर-दूर तक उसका व्यापार फैला हुआ था। नगर के सभी लोग उस व्यापारी का सम्मान करते थे। इतना सब कुछ संपन्न होने के बाद भी वह व्यापारी बहुत दुःखी था, क्योंकि उसका कोई पुत्र नहीं था। जिस कारण अपने मृत्यु के पश्चात् व्यापार…

  • सरस्वती माता आरती
    सरस्वती माता आरती

    Sarswati mata ki aarti जय सरस्वती माता,मैया जय सरस्वती माता ।सदगुण वैभव शालिनी,त्रिभुवन विख्याता ॥जय जय सरस्वती माता…॥ चन्द्रवदनि पद्मासिनि,द्युति मंगलकारी ।सोहे शुभ हंस सवारी,अतुल तेजधारी ॥जय जय सरस्वती माता…॥ बाएं कर में वीणा,दाएं कर माला ।शीश मुकुट मणि सोहे,गल मोतियन माला ॥जय जय सरस्वती माता…॥ देवी शरण जो आए,उनका उद्धार किया ।पैठी मंथरा दासी,रावण…

  • श्री श्याम चालीसा
    श्री श्याम चालीसा

    Shree shyam chalisa श्री गुरु चरण ध्यान धर, सुमिरि सच्चिदानन्द। श्याम चालीसा भजत हूँ, रच चैपाई छन्द।। श्याम श्याम भजि बारम्बारा,सहज ही हो भवसागर पारा। इन सम देव न दूजा कोई, दीन दयालु न दाता होई। भीमसुपुत्र अहिलवती जाया, कहीं भीम का पौत्र कहाया। यह सब कथा सही कल्पान्तर, तनिक न मानों इनमें अन्तर। बर्बरीक…

  • श्री सूर्यदेव की आरती
    श्री सूर्यदेव की आरती

    Suray devta aarti जय कश्यप नन्दन, ऊँ जय अदिति नन्दन।त्रिभुवन तिमिर निकंदन, भक्त हृदय चन्दन॥ऊँ जय कश्यप नन्दन।जय सप्त अश्वरथ राजित, एक चक्रधारी।दुखहारी, सुखकारी, मानस मलहारी॥ऊँ जय कश्यप नन्दन।जय सुर मुनि भूसुर वन्दित, विमल विभवशाली।अघ-दल-दलन दिवाकर, दिव्य किरण माली॥ऊँ जय कश्यप नन्दन।जय सकल सुकर्म प्रसविता, सविता शुभकारी।विश्व विलोचन मोचन, भव-बंधन भारी॥ऊँ जय कश्यप नन्दन।जय कमल…

  • गायत्री माता की आरती
    गायत्री माता की आरती

    Gaytri mata ki aarti जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।आदि शक्ति तुम अलख निरंजन जगपालक कत्री।दुख शोक, भय, क्लेश दारिद्र दैन्य हत्री।।जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।ब्रह्म रूपिणी, प्रणात पालिन जगत धातृ अम्बे।भव भयहारी, जन-हितकारी, सुखदा जगदम्बे।।जयति जय गायत्री माता, जयति जय गायत्री माता।भय हारिणी, भवतारिणी, अनघेअज आनन्द राशि।अविकारी, अखहरी, अविचलित,…

  • शीतला माता की आरती
    शीतला माता की आरती

     Shitla mata ki aarti जय शीतला माता, मैया जय शीतला माता,आदि ज्योति महारानी सब फल की दाता।। जय शीतला माता… रतन सिंहासन शोभित, श्वेत छत्र भ्राता।ऋद्धिसिद्धि चंवर डोलावें, जगमग छवि छाता।। जय शीतला माता… विष्णु सेवत ठाढ़े, सेवें शिव धाता।वेद पुराण बरणत पार नहीं पाता।। जय शीतला माता.. इन्द्र मृदंग बजावत चन्द्र वीणा हाथा।सूरज ताल…

  • बृहस्पति देव की आरती
    बृहस्पति देव की आरती

    Brihaspati dev aarti जय बृहस्पति देवा, ऊँ जय बृहस्पति देवा ।छि छिन भोग लगाऊँ, कदली फल मेवा ॥ तुम पूरण परमात्मा, तुम अन्तर्यामी ।जगतपिता जगदीश्वर, तुम सबके स्वामी ॥ चरणामृत निज निर्मल, सब पातक हर्ता ।सकल मनोरथ दायक, कृपा करो भर्ता ॥ तन, मन, धन अर्पण कर, जो जन शरण पड़े ।प्रभु प्रकट तब होकर,…

  • वैष्णो माता की आरती
    वैष्णो माता की आरती

    Veshno mata aarti जय वैष्णव माता, मैया जय वैष्णव माता।द्वार तुम्हारे जो भी आता, बिन माँगे सब कुछ पा जाता।। ऊँ जय वैष्णो माता। तू चाहे तो जीवन दे दे, चाहे पल मे खुशियां दे दे।जन्म मरण हाथ तेरे है शक्ति माता ।। ऊँ जय वैष्णो माता। जब जब जिसने तुझको पुकारा तूने दिया है…