परमात्मा शब्द नहीं जो तुम्हें पुस्तक में मिलेगा,
परमात्मा मूर्ति नहीं जो तुम्हें मंदिर में मिलेगी,
परमात्मा मनुष्य नहीं जो तुम्हें समाज में मिलेगा,
परमात्मा जीवन है जो तुम्हें अपने भीतर मिलेगा। 

  • नर्मदा अष्टकम (Narmada Ashtakam)
    नर्मदा अष्टकम (Narmada Ashtakam)

    Narmada Ashtakam ॥ श्री नर्मदा अष्टकम ॥सबिंदु सिन्धु सुस्खल तरंग भंग रंजितमद्विषत्सु पाप जात जात कारि वारि संयुतमकृतान्त दूत काल भुत भीति हारि वर्मदेत्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ॥1॥ त्वदम्बु लीन दीन मीन दिव्य सम्प्रदायकमकलौ मलौघ भारहारि सर्वतीर्थ नायकंसुमस्त्य कच्छ नक्र चक्र चक्रवाक् शर्मदेत्वदीय पाद पंकजम नमामि देवी नर्मदे ॥2॥ महागभीर नीर पुर पापधुत…

  • माघ अष्टमी व्रत – Magh Ashtami Vrat
    माघ अष्टमी व्रत – Magh Ashtami Vrat

    Magh Ashtami Vrat हिन्दू पंचांग के अनुसार हर माह शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को दुर्गा अष्टमी का व्रत किया जाता है। इस दिन देवी दुर्गा के भक्त उनकी पूजा करते हैं और पूरे दिन उपवास रखते हैं। हिंदू धर्म में इसका विशेष महत्व है, कहा जाता है कि मां दुर्गा के सभी रूपों की…

  • वसंत पंचमी – Vasant Panchami
    वसंत पंचमी – Vasant Panchami

    Vasant Panchami वसंत पंचमी माघ शुक्ल पंचमी को ज्ञान और बुद्ध‌ि की देवी माँ सरस्वती जी के प्राकट्य दिवस के रूप मे जाना जाता है। अतः बसंत पंचमी को विशेष रूप से सरस्वती जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। भारतीय गणना के अनुसार वर्ष भर में पड़ने वाली छः ऋतुओं (बसंत, ग्रीष्म, वर्षा, शरद, हेमंत, शिशिर)…

  • षटतिला एकादशी – Shat Tila Ekadashi
    षटतिला एकादशी – Shat Tila Ekadashi

    Shat Tila Ekadashi हिंदू पंचांग के अंतर्गत प्रत्येक माह की 11वीं तीथि को एकादशी कहा जाता है। एकादशी को भगवान विष्णु को समर्पित तिथि माना जाता है। एक महीने में दो पक्ष होने के कारण दो एकादशी होती हैं, एक शुक्ल पक्ष मे तथा दूसरी कृष्ण पक्ष मे। इस प्रकार वर्ष मे कम से कम 24 एकादशी…

  • लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti)
    लक्ष्मीजी आरती (Laxmi Mata Aarti)

    Laxmi Mata Aarti महालक्ष्मी नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं सुरेश्वरि ।हरि प्रिये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं दयानिधे ॥ पद्मालये नमस्तुभ्यं,नमस्तुभ्यं च सर्वदे ।सर्वभूत हितार्थाय,वसु सृष्टिं सदा कुरुं ॥ ॐ जय लक्ष्मी माता,मैया जय लक्ष्मी माता ।तुमको निसदिन सेवत,हर विष्णु विधाता ॥ उमा, रमा, ब्रम्हाणी,तुम ही जग माता ।सूर्य चद्रंमा ध्यावत,नारद ऋषि गाता ॥॥ॐ जय लक्ष्मी माता…॥ दुर्गा रुप निरंजनि,सुख-संपत्ति दाता ।जो कोई…

  • बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)
    बटुक भैरव चालीसा (Batuk Bhairav ​​Chalisa)

    Batuk Bhairav ​​Chalisa ॥ दोहा ॥विश्वनाथ को सुमिर मन,धर गणेश का ध्यान।भैरव चालीसा रचूं,कृपा करहु भगवान॥ बटुकनाथ भैरव भजू,श्री काली के लाल।छीतरमल पर कर कृपा,काशी के कुतवाल॥ ॥ चौपाई ॥जय जय श्रीकाली के लाला।रहो दास पर सदा दयाला॥भैरव भीषण भीम कपाली।क्रोधवन्त लोचन में लाली॥ कर त्रिशूल है कठिन कराला।गल में प्रभु मुण्डन की माला॥कृष्ण रूप…

  • भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)
    भगवद गीता चालीसा (Bhagavad Geeta Chalisa)

    Bhagavad Geeta Chalisa ॥ चौपाई ॥ प्रथमहिं गुरुको शीश नवाऊँ।हरिचरणों में ध्यान लगाऊँ॥गीत सुनाऊँ अद्भुत यार।धारण से हो बेड़ा पार॥ अर्जुन कहै सुनो भगवाना।अपने रूप बताये नाना॥उनका मैं कछु भेद न जाना।किरपा कर फिर कहो सुजाना॥ जो कोई तुमको नित ध्यावे।भक्तिभाव से चित्त लगावे॥रात दिवस तुमरे गुण गावे।तुमसे दूजा मन नहीं भावे॥ तुमरा नाम जपे…

  • तमिल हनुमान जयंती – Tamil Hanuman Jayanti
    तमिल हनुमान जयंती – Tamil Hanuman Jayanti

    Tamil Hanuman Jayanti हिंदू पौराणिक कथाओं में भगवान हनुमान की बहुत प्रासंगिकता है और हनुमान जयंती पूरे देश में बहुत धूमधाम और भव्यता के साथ मनाई जाती है। भक्तों का मानना ​​है कि भक्ति और समर्पण के साथ देवता की पूजा करने से उनके दुख और दर्द दूर हो जाते हैं और उनके स्थान पर…

  • श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् (Vindhyeshwari Stotram)
    श्री विन्ध्येश्वरी स्तोत्रम् (Vindhyeshwari Stotram)

    Vindhyeshwari Stotram निशुम्भ शुम्भ गर्जनी,प्रचण्ड मुण्ड खण्डिनी ।बनेरणे प्रकाशिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ त्रिशूल मुण्ड धारिणी,धरा विघात हारिणी ।गृहे-गृहे निवासिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ दरिद्र दुःख हारिणी,सदा विभूति कारिणी ।वियोग शोक हारिणी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ लसत्सुलोल लोचनं,लतासनं वरप्रदं ।कपाल-शूल धारिणी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ कराब्जदानदाधरां,शिवाशिवां प्रदायिनी ।वरा-वराननां शुभां,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ कपीन्द्न जामिनीप्रदां,त्रिधा स्वरूप धारिणी ।जले-थले निवासिनी,भजामि विन्ध्यवासिनी ॥ विशिष्ट शिष्ट कारिणी,विशाल रूप…